विनोद खन्ना की गुरदासपुर सीट के लिए 2 बाबाओं के भक्तों में मुकाबला
विनोद खन्ना के निधन के बाद गुरदासपुर सीट पर मुकाबला दिलचस्प, बाबाओं के शिष्यों ने ठोका दावा, अमित शाह लेंगे अंतिम फैसला, जल्द हो सकता है उम्मीदवार का ऐलान
नई दिल्ली। अपने जमाने के सदाबहार फिल्म स्टार और भाजपा नेता विनोद खन्ना के निधन के बाद गुरदासपुर लोकसभा सीट खाली हो गई है। ऐसे में इस सीट पर चुनाव से पहले तमाम नेताओं ने अपनी दावेदारी पेश करना शुरू कर दी है। लेकिन इन दावेदारों में सबसे आगे बाबा के शिष्य लोग हैं, जोकि इस सीट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा इस सीट पर किसी ऐसे ही उम्मीदवार को मैदान में उतार सकती है।
इसे भी पढ़ें- बिहार में जिसे नीतीश ने इतना रोका, वो बाहर आ ही गया
भाजपा नहीं करना चाहती है जल्दबाजी
सूत्रों की मानें तो दरअसल भारतीय जनता पार्टी इस सीट पर पहले आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के ऐलान का इंतजार कर रही है, जिसके बाद पार्टी अपने उम्मीदवार का ऐलान कर सकती है। दरअसल जिस तरह से भाजपा क बवाना की सीट पर हार का सामना करना पड़ा है उसके बाद पार्टी किसी भी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती है। यही नहीं पंजाब में भाजपा व अकाली दल को काफी बुरी हार का सामना करना पड़ा था।
अमित शाह लेंगे अंतिम फैसला
पार्टी सूत्रों की मानें तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह इस बाबत आखिरी फैसला लेंगे और सार्वजनिक तौर पर गुरदासपुर सीट से पार्टी के उम्मीदवार की घोषणा करेंगे। लेकिन इस फैसले से पहले तकरीबन एक दर्जन उम्मीदवारों ने अपनी दावेदारी पेश की है, इसमें दो ऐसे नाम है जिनपर पार्टी गंभीरता से विचार कर रही है। इन दोनों नामों पहले स्थान पर हैं विनोद खत्ना की पत्नी कविता खन्ना जबकि दूसरे उम्मीदवार का नाम है स्वर्ण सिंह सलारिया।
विनोद खन्ना लगातार जीते हैं
कविता खन्ना श्री श्री रविशंकर की भक्त हैं जबकि सलारिया बाबा रामदेव के नजदीकी के रूप में जाने जाते हैं। इससे पहले सलारिया भाजपा की कार्यकारिणी में सदस्य भी रह चुके हैं और वह पेशे से बिजनेसमैन हैं। गौरतलब है कि गुरदासपुर कांग्रेस की परंपरागत सीट है, लेकिन विनोद खन्ना 1998 से लगातार इस सीट पर जीतते आए। हालाकिं 2009 में कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने यहां से जीत हासिल की थी, लेकिन एक बार फिर से 2014 में विनोद खन्ना ने इस सीट पर अपना कब्जा किया था।