जानिए अब तक कितनी बार कहां-कहां हादसे का शिकार हुआ है AN-32
नई दिल्ली। गुरुवार को इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) की ओर से इस बात की आधिकारिक घोषणा कर दी गई कि तीन जून क्रैश हुए एएन-32 हादसे में कोई भी जिंदा नहीं बचा है। इस पर सवार सभी 13 सैनिकों की मृत्यु हो गई है। आईएएफ ने आठ लोगों वाली रेस्क्यू टीम को उस जगह पर एयरड्रॉप किया था जो क्रैश वाली जगह पर पहुंची थी। इसी टीम ने आईएएफ को बताया था कि उन्हें कुछ भी नहीं मिल सका है। इसके साथ ही एयरफोर्स ने भी ऐलान कर दिया कि घटना में कोई भी जिंदा नहीं बचा है। मंगलवार को इस एयरक्राफ्ट का मलबा अरुणाचल प्रदेश के नॉर्थ लिपो में मिला था जो वेस्ट सियांग में आता है।
यह भी पढ़ें-AN-32: एयरक्राफ्ट पर सवार सभी 13 वायुसैनिक शहीद, परिवार वालों को दी गई जानकारी
पहला हादसा 1986 में
अब तक चार बार एएन-32 हादसे का शिकार हुआ है जिसमें से तीन सिर्फ भारत में ही हुए हैं। पहला हादसा साल 1986 में हुआ और उस समय अरब सागर के ऊपर एक एएन-32 उस समय गायब हो गया था। यह एयरक्राफ्ट उस समय गायब हुआ जब वह ओमान के रास्ते सोवियत यूनियन से होता हुआ आ रहा था। इस एयरक्राफ्ट के बारे में न तो कुछ कभी पत लगा पाया और न ही यह पता लगा कि इसमें सवार लोगों को आखिर क्या हुआ।
1990 में मेचुका के करीब हुआ क्रैश
इसके चार वर्ष बाद सन् 1990 में चेन्नई के करीब तांबरम एयरफोर्स बेस से टेक ऑफ किया एएन-32 क्रैश हो गया था। यह एयरक्राफ्ट पोनमुदी पहाड़ियों में क्रैश हुआ था। साल 2009 में एक एएन-32 एयरक्राफ्ट ने अरुणाचल प्रदेश के मेचुका से टेक ऑफ किया था। टेक ऑफ करने के कुछ ही मिनटों बाद यह क्रैश हो गया था और इसमें सवार सभी 13 लोगों की मौत हो गई थी। इस क्रैश के बाद ही भारत ने यूक्रेन से एएन-32 के बेड़े को अपग्रेड करने के लिए 400 मिलियन डॉलर की डील की थी।
जुलाई 2016 में समंदर में लापता
जुलाई 2016 में तांबरम एयरबेस से एएन-32 ने अंडमान निकोबार के पोर्टब्लेयर के लिए उड़ान भरी थी। टेक ऑफ करने के कुछ ही मिनटों बाद बंगाल की खाड़ी पर यह गायब हो गया। इसके बाद करीब 20 दिनों तक सर्च ऑपरेशन समंदर में चलाया गया लेकिन विमान में सवार 29 लोगों की कोई जानकारी नहीं मिल सकी। इसके बाद एयरफोर्स ने 29 लोगों को मृत मानते हुए सर्च ऑपरेशन बंद कर दिया।
जोरहाट से टेक ऑफ करने के बाद क्रैश
तीन जून 2019 को भी एक एएन-32 गायब हो गया। ट्विन इंजन वाले इस एयरक्राफ्ट ने सोमवार तीन जून को करीब 12 बजकर 27 मिनट पर असम के जोरहाट से अरुणाचल प्रदेश के मेचुका के लिए टेक ऑफ किया था। आखिरी बार एक बजे एयरक्राफ्ट ने एटीसी से कॉन्टेक्ट किया और इसके बाद से ही इसका कुछ पता नहीं लग पाया। मंगलवार 11 जून को इस एयरक्राफ्ट का मलबा देखे जाने की खबर आई थी।