अलविदा 2019: इस साल के सियासी सूरमा, जिन्होंने दिखाया अपना दम
नई दिल्ली। भारतीय राजनीति के लिहाज से 2019 काफी अहम साल रहा। 17वीं लोकसभा के लिए इस साल चुनाव हुए, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए को भारी बहुमत मिला। जिसमें नरेंद्र मोदी और अमित शाह देश के सबसे ताकतवर और प्रभावशाली नेता बनकर उभरे। इसके अलावा कई राज्यों में विधानसभा चुनाव भी हुए। ओडिशा में नवीन पटनायक, तेलंगाना में चंद्रशेखर राव, हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर जैसे नेता फिर से सरकार बनाने में कामयाब रहे। तो कई बड़े राजनीतिक चेहरे ऐसे भी रहे जो इस साल पहली बार चमके। ये रहे 2019 के बड़े राजनीतिक चेहरे।
नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साल 2019 खास रहा। वो लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। मोदी के चेहरे पर भाजपा ने 2019 का चुनाव लड़ा और अकेले ही 300 से ज्यादा सीटें हासिल कीं। 2014 में पहली बार नरेंद्र मोदी ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था और पीएम बने थे।
अमित शाह
अमित शाह के अध्यक्ष रहते भाजपा ने 2019 का लोकसभा चुनाव जीता। चुनाव के बाद अमित शाह गृहमंत्री बनें। पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए अमित शाह को सरकार में नंबर की हैसियत हासिल है। सिर्फ इतना ही नहीं बतौर गृहमंत्री पहले जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को निष्प्रभावी करने और फिर नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भी शाह चर्चा में रहे।
दुष्यंत चौटाला
हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला के पोते दुष्यंत चौटाला 2019 में एक बड़ा राजनीतिक चेहरा बनकर उभरे। दादा की पार्टी इनेलो से अलग होकर उन्होंने जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) बनाई। पार्टी बनाने के करीब एक साल बाद हरियाणा विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीतकर उनकी पार्टी तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी। उनकी पार्टी भाजपा के साथ हरियाणा सरकार में सहयोगी है और वो राज्य के डिप्टी सीएम हैं।
उद्धव ठाकरे
शिवेसना चीफ उद्धव ठाकरे के लिए यह साल काफी खास रहा। भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने के बाद वो अलग हो गए। भाजपा के साथ एक लंबी लड़ाई के बाद उन्होंने एनसीपी और कांग्रेस के सहयोग से महाराष्ट्र में सरकार बनाई और सीएम बने। उद्धव ठाकरे अपने परिवार के पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने हैं। उनके बेटे आदित्य ठाकरे, ठाकरे परिवार के पहले ऐसे सदस्य हैं, जिन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा है।
हेमंत सोरेन
साल 2019 में जाते-जाते अगर किसी राजनीतिक चेहरे की सबसे ज्यादा चर्चा है तो वो हेमंत सोरेन हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की अगुवाई वाले गठबंधन ने राज्य की सत्ता से भाजपा को बाहर कर दिया है। नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने झारखंड में कई रैलियां कीं लेकिन झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने राज्य की 81 में से 47 सीटे जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। हेमंत झारखंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। हेमंत सोरेन पूर्व केन्द्रीय मंत्री और झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रहे शिबू सोरेन के पुत्र हैं।
जगन मोहन रेड्डी
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के लिए साल 2019 में बहुत बड़ रहा। वो इस साल आंध्र के सबसे बड़े नेता के तौर पर उभरे। जगन आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस नेता वाईएस राजशेखर रेड्डी के बेटे हैं। 2009 में वाईएस राजशेखर की दुर्घटना में मौत के बाद उनके कांग्रेस से रिश्ते खराब होते चले गए।
मार्च, 2011 में जगन मोहन रेड्डी ने कांग्रेस से अलग होकर वाईएसआर कांग्रेस के गठन की घोषणा की। राज्य में उनकी लड़ाई कांग्रेस और चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी से रही। 2014 के विधानसभा में वो कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ सके। इसके बाद वो पार्टी को मजबूत करते रहे। 2019 के विधानसभा चुनाव में जगन की पार्टी ने भारी बहुमत हासिल किया और वो सीएम बने।
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एम के स्टालिन
तमिलनाडु की राजनीति का बड़ा नाम रहे एम करुणानिधि के बेटे एम के स्टालिन ने अगस्त 2018 में उनकी मौत के बाद पार्टी की कमान संभाली। इसके कुछ ही महीने बाद इस साल मार्च अप्रैल में हुए लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी डीएमके ने प्रभावी प्रदर्शन किया। तमिलनाडु में उन्होंने एआईएडीएमके और भाजपा के गठबंधन को विफल किया। तमिलनाडु की 39 सीटों में डीएमके-कांग्रेस गठबंधन ने 36 सीटें जीती हैं। डीएम को 23 सीटों पर जीत मिली।
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