पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक के पांच सबूत, सेना के दावे पर मुहर
नई दिल्ली। भारतीय सेना की ओर से एलओसी पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर पाकिस्तान ही नहीं देश के अंदर भी लोग सवाल उठा रहे हैं। लेकिन इस बीच कुछ चश्मदीद मिले हैं जिन्होंने न सिर्फ सर्जिकल स्ट्राइक की पुष्टि की है, बल्कि आतंकियों की लाशों को लेकर भी खुलासा किया है।
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LOC से चार किमी दूर गांव में मिला पहला सबूत
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सीमा पार हुई सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर चश्मदीदों ने बताया कि 28 सितंबर की रात हुई जोरदार फायरिंग में वह इमारतें ध्वस्त हो गईं, जिनका इस्तेमाल आतंकवादी करते थे। चश्मदीदों ने बताया कि एलओसी से करीब 4 किमी दूर दुधनियाल गांव में अल-हावी ब्रिज के पास ऊंची इमारत ध्वस्त हुई है। यह देररात हुई फायरिंग के बाद गिरी।
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ट्रकों में भरकर ले गए आतंकियों की लाशें
चश्मदीदों के इस बयान के साथ ही भारत का दावा और मजबूत हो गया है। उन्होंने बताया कि 29 सितंबर की सुबह ट्रकों में आतंकियों के शवों को भरकर गुप्त स्थान में दफनाने के लिए ले जाया गया। चश्मदीदों के मुताबिक, 5-6 शवों को भरकर ट्रकों से चलहाना में नीलम नदी के नजदीक स्थित लश्कर कैंप ले जाया गया, जहां शुक्रवार को मस्जिद में उनके लिए दुआ की गई। बताया जा रहा है नमाज के बाद मस्जिद के बाहर कुछ लोगों ने इस हमले का बदला लेने की भी बात कही थी।
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वो जगह जिसके बारे में खामोश हैं भारत-पाकिस्तान
एलओसी के उस पार रह रहे पांच लोगों ने न सिर्फ पूरे घटनाक्रम की पुष्टि की है, बल्कि उन जगहों को भी दिखाया है जिनके बारे में भारत सरकार और पाकिस्तान सरकार दोनों ने ही जानकारी नहीं दी है। भारतीय मीडिया को एलओसी के उस पार जाकर रिपोर्टिंग करने की अनुमति नहीं है। दुधनियाल गांव भारत के कुपवाड़ा से सबसे नजदीक है। अल-हावी ब्रिज के पास दो बिल्डिंग गिरी थीं, वहां मिलिट्री आउटपोस्ट और कंपाउंड का इस्तेमाल लश्कर के आतंकी कैंप के तौर पर हो रहा था। लोगों ने बताया कि देररात जबरदस्त फायरिंग और धमाकों की आवाज सुनी गई, लेकिन किसी ने बाहर निकने की हिम्मत नहीं जुटाई। सुबह लश्कर से जुड़े लोगों ने बताया कि उन पर हमला हुआ है।
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अल-हावी ब्रिज पर हमले की तैयारी करते हैं आतंकी
चश्मदीदों ने बताया कि अल-हावी ब्रिज वह जगह है जहां से घुसपैठिए सीमा पार करने से पहले हथियार और गोला-बारूद भरते हैं। सीमा पार कर आतंकी कुपवाड़ा में घुसते हैं। शुक्रवार को चलहाना में मस्जिद पर नमाज के लिए एकजुट हुए लश्कर के लोगों ने न सिर्फ इसका बदला लेने की बात कही बल्कि पाकिस्तानी सेना पर सीमा की सुरक्षा न कर पाने का भी आरोप लगाया। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, सर्जिकल स्ट्राइक से लश्कर समेत दूसरे आतंकी संगठनों को बड़ा झटका लगा है।
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कुछ आतंकी मरे, कुछ जंगलों में भागे
चश्मदीदों ने बताया कि फायरिंग में कुछ आतंकी मारे गए जबकि कुछ जंगलों की ओर भाग गए। मारे गए आतंकियों को आसपास के इलाकों में नहीं दफनाया गया। सीमा पार से घुसपैठ में ज्यादातर आतंकी मार गिराए जाते हैं, लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक ने उन्हें सीमा के पास वाले इलाकों में ज्यादा असुरक्षित महसूस करा दिया है।
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बता दें कि भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक के बाद मारे आतंकियों की संख्या को लेकर कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं बताया था। DGMO लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने कहा था कि हमले में काफी ज्यादा आतंकी और उनकी मदद करने वाले लोग मारे गए हैं।