राष्ट्रपति चुनाव के लिए BJP की बड़ी बैठक, अमित शाह और नड्डा ने बनाई रणनीति
नई दिल्ली, 24 मई: होम मिनिस्टर अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने आज चार घंटे की बैठक की। इस बैठक में राज्यसभा चुनाव और आने वाले राष्ट्रपति चुनावों को लेकर रणनीति पर चर्चा हुई। भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन और विपक्ष दोनों ने भारत के नए राष्ट्रपति के लिए अपने-अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर ली है। यह चुनाव 2024 के नेशनल चुनावों के लिए एक निर्याणक चुनाव माना जा रहा है।
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, राज्य सभा की 57 सीटों पर 10 जून को मतदान के लिए नामांकन शुरू होने से एक दिन पहले भाजपा नेताओं ने सोमवार शाम नड्डा के घर पर मुलाकात की। राज्यसभा चुनाव का असर राष्ट्रपति चुनाव पर भी पड़ेगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 25 जुलाई को समाप्त हो रहा है। विपक्ष ने अभी तक राष्ट्रपति पद के लिए एक संयुक्त उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
आम सहमति बनाने के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव या केसीआर और महाराष्ट्र के नेता शरद पवार बैठकें कर रहे हैं। बीजेपी के पास सभी सांसदों और विधायकों के 48.9% वोट हैं। विपक्ष और अन्य पार्टियों के पास 51.1 फीसदी वोट हैं। भाजपा को अपने उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए केवल ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बीजद (बीजू जनता दल) या आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस की जरूरत है।
तेलंगाना के सीएम केसीआर 2024 के आम चुनाव के लिए गैर-कांग्रेसी, गैर-बीजेपी मोर्चे के लिए काम कर रहे हैं। जिसे लेकर वे लगातार विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। जाहिर है कि अपने इस नए गठजोड़ का टेस्ट वे राष्ट्रपति चुनाव में करना चाहेंगे। हाल ही में केसीआर ने अपने दिल्ली समकक्ष अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कीष उन्होंने पहले उद्धव ठाकरे, शरद पवार, अखिलेश यादव से मुलाकात की थी और एमके स्टालिन और ममता बनर्जी से फोन पर बात की थी। उनके कर्नाटक में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा से मिलने की भी उम्मीद है।
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केसीआर बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव दोनों से भी मुलाकात करेंगे। नीतीश कुमार, जिनके संबंध सहयोगी भाजपा के साथ पिछले कुछ समय से तनावपूर्ण रहे हैं, पिछले कुछ राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार का समर्थन नहीं कर रहे हैं. नीतीश कुमार का जाति जनगणना पर एक सर्वदलीय बैठक के साथ आगे बढ़ने का कदम - जो तेजस्वी यादव चाहते हैं लेकिन भाजपा विरोध कर रही है - उनके सहयोगी के लिए एक बड़ा झटका माना जाता है।