कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत के लिए बीजेपी ने संघ से मांगी मदद, RSS ने सीधे सहयोग से किया इंकार
आरएसएस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, 'तीन मार्च को संघ परिवार की वार्षिक समन्वय बैठक हमारे राज्य मुख्यालय में हुई
नई दिल्ली। पूर्वोतर के तीन राज्यों में सरकार बनाने के बाद अब बीजेपी की नजर कर्नाटक पर है। कर्नाटक में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं जिसको लेकर बीजेपी ने तैयारियां तेज कर दी हैं। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी नेताओं की संघ के नेताओं के साथ बैठक हुई जिसमें कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कैसे फतह हासिल की जाए उसको लेकर प्लानिंग हुई। कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा और केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार सहित कर्नाटक भाजपा के शीर्ष नेताओं की आरएसएस नेताओं के साथ बैठक हुई। जिसमें यह तय हुआ कि संघ सीधे सीधे चुनाव में बीजेपी को मदद नहीं देगा लेकिन स्वयंसेवक चाहे तो वह किसी भी पार्टी की मदद कर सकते हैं। हालांकि यह साफ है कि वह बीजेपी के लिए ही काम करेंगे।
संघ ने चुनाव में सीधे-सीधे पार्टी को मदद देने से इनकार कर दिया
आरएसएस के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, 'तीन मार्च को संघ परिवार की वार्षिक समन्वय बैठक हमारे राज्य मुख्यालय में हुई। येदियुरप्पा, अनंत कुमार, सदानंद गौड़ा सहित भाजपा के प्रमुख नेताओं ने बैठक में हिस्सा लिया और राज्य चुनावों में संघ से सहयोग करने के लिए कहा।' संघ ने चुनाव में सीधे-सीधे पार्टी को मदद देने से इनकार कर दिया लेकिन उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को ऐसा करने की आजादी दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा, 'संघ सीधे सीधे चुनाव में बीजेपी को मदद नहीं देगा लेकिन स्वयंसेवक चाहे तो वह किसी भी पार्टी की मदद कर सकते हैं। हालांकि यह साफ है कि वह बीजेपी के लिए ही काम करेंगे।'
'स्वयंसेवक बीजेपी की मदद करने के लिए स्वतंत्र हैं'
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की राह मुश्किल करने के लिए ओबीसी और दलित वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए बीजेपी को सलाह दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'हम न तो ऐसी कोई सलाह देते हैं और नहीं बीजेपी ने ऐसा कुछ कहा है।' तो फिर स्वयंसेवक किस तरह से बीजेपी की मदद करेंगे? इसके बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनका संगठन लोगों को सही उम्मीदवार के चयन के लिए बड़ी संख्या में वोट देने की अपील करेगा। उन्होंने कहा, 'अगर लोकतंत्र को मजबूत करना है तो लोगों को बड़ी संख्या में सामने आकर वोट देना होगा। हमारे स्वयंसेवक ऐसा ही प्रचार करेंगे।' इसके अलावा स्वयंसेवक बीजेपी की मदद करने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि उन्होंने स्वयंसेवकों की संख्या के बारे में बताने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि जो संघ के स्वयंसेवक होने के साथ ही बीजेपी के नेता हैं, उन्होंने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है।
बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर
आपको बता दें कि बीजेपी और संघ के कार्यकर्ता सिद्धारमैया सरकार के खिलाफ इनकम्बेंसी फैक्टर को भी भुनाने की कोशिशों में जुटे हैं। हालांकि, करप्शन के नाम पर संघ ने चुप्पी साध रखी है क्योंकि पिछली बीजेपी सरकार में भी करप्शन के आरोप लगे थे। बता दें कि दक्षिण भारत में कर्नाटक एक मात्र ऐसा राज्य है, जहां पांच साल के लिए पहले भी बीजेपी की सरकार रही है। 2013 से 2018 के बीच कर्नाटक में बारी-बारी से बीएस येदियुरप्पा, सदानंद गौड़ा और जगदीश शेट्टार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। फिलहाल 224 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी 44 सीटों के साथ मुख्य विपक्षी दल है जबकि जनता दल (एस) के 40 विधायक हैं। गुजरात के बाद अब कर्नाटक विधान सभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर की संभावना है।
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