साल 2014 में राहुल गांधी बनें 'पप्पू', इनका हुआ डब्बा गुल
नयी दिल्ली। साल 2014 खत्म होने जा रहा हैं। चंद दिनों बाद ही नए साल की सुरुआत हो जाएगी। इस साल जहां राजनीति में उटापटक की स्थ्ति बनी रही तो वहीं कई नेताओं की काबिलियत पर भी सवाल उठने लगा। साल 2014 जहां भाजपा के लिए शानदार साबित हुआ तो वहीं देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के लिए यह साल काफी बुरा साबित हुआ। कांग्रेस के हाथों से सत्ता चली गई। उनके कई धुरंधर चारों-खाने चित हो गए। आपको तस्वीरों के जरिए दिखाते है कि साल 2014 में राजनीति में कौन से चेहरे फ्लॉप रहें, किन चेहरों को जनता ने नकार दिया।
हार से परेशान गांधी
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी नेहरू-गांधी परिवार से आते हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में वो कांग्रेस का चेहरा थे, लेकिन पार्टी को चुनावों में हार ही हाथ लगी। राहुल गांधी के लिए उनके दस साल के राजनीतिक करियर में सबसे दिक्कतों भरे दौर से गुजर रहे हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री
जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद ज्यादा समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले मनमोहन सिंह 2014 में लोकसभा चुनाव के बाद पब्लिक लाइफ से दूर जा सकते हैं। साल 2014 उनके लिए खराब साल रहा।
गलत फैसले से होती रही आलोचना
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, लेकिन उनकी ये इजीनियरिंग लोकसभा चुनाव में नहीं चल पाई। राष्ट्रीय राजनीति का हिस्सा बनने की कोशिश में केजरीवाल ने अपनी पार्टी की साख गिरा दी। दिल्ली में 49 दिनों की सत्ता छोड़ने पर उनकी खूब आलोचना हुई।
मोदी लहर में डूब गई नैया
राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव अपनी दिलचस्प शैली के लिए हमेशा खबरों में बने रहते हैं, लेकिन साल 2014 उनके लिए कुछ अच्छा नहीं रहा। लोकसभा चुनाव में उनका पार्टी की करारी हार हुई। मोदी लहर को रोकने के लिए उन्होंने जेडीयू से हाथ मिला लिया।
सजा के बाद हार
भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के लिए ये साल बहुत कष्टकारी साबित रहा। वो झारखंड विधानसभा का चुनाव भी हार गए। वे इस चुनाव में जीत दर्ज करके राजनीतिक पुनर्वास की उम्मीद कर रहे थे। उन्होंने अपनी कैंपेन में पानी की तरह से पैसा फूंका था। पर, अफसोस यह हो ना सका। कोड़ा पर लगे भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों ने उनके राजनीतिक जीवन पर विराम लगा दिया।
प्रेम प्रसंग में फंसे रहे दिग्गी राजा
इस साल दिग्विजय सिंह राजनीति से ज्यादा प्रेम प्रसंगों में फंसे रहें। महिला पत्रकार के साथ उनका संबंध आम होने के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ती रही।
पार्टी का नहीं रहा विश्वास
आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास जब से अमेठी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा का चुनाव हारे हैं वो पार्टी से अलग-थलग ही दिखाई दे रहे हैं। पार्टी भी उन्हें कुछ खास भाव नहीं दे रही हैं।
हार के सात खत्म हुआ साल
नेशनल कांग्रेस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह के लिए ये साल जाते-जाते दुखद समाचार दे गया। विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त ने उनके लिए इस पूरे साल को असफल बना दिया।
मानसे का सूपड़ा साफ
महाराष्ट्र की राजनीति में अपना दबदबा दिखाने वाले राज ठाकरे इस साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके। राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को चुनाव में करारी शिकस्त मिली।
हार के बाद हो गए गायब
लोकसभा चुनाव में अपनी लोकसभा सीट चांदनी चौक से हारने के बाद कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल तो मानो गायब ही हो गए हैं। सिब्बल हार के बाद अपने वकालत के पेशे में लौट गए हैं।