AT21: दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस, क्या अपराध की है कोई उम्र?
AT21 Trend on Social Media: किसानों ने गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली। इस दौरान कई इलाकों में जमकर हिंसा हुई। जिसके बाद एनवायरमेंट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन का समर्थन किया और गलती से एक टूलकिट शेयर कर दी। दिल्ली पुलिस का मानना है कि इस टूलकिट की वजह से हिंसा हुई। इस मामले में 13 फरवरी को 21 वर्षीय क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी हुई। तब से सोशल मीडिया पर दिशा को लेकर सरकार समर्थकों और विपक्ष में जमकर बहस हो रही है।
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दिल्ली पुलिस के मुताबिक टूलकिट को बनाने में दिशा रवि शामिल थीं। उनके साथ निकिता जैकब और शांतनु भी थे। जिनकी तलाश दिल्ली पुलिस को है और सोमवार को उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट भी जारी हुआ। इस बीच विपक्षी दलों ने दिशा की उम्र को लेकर सवाल उठाए और सरकार से पूछा कि 21 साल की लड़की की गिरफ्तारी कितने हद तक सही है। मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लिखा कि 21 साल की दिशा की गिरफ्तारी लोकतंत्र पर हमला है। क्या किसानों का समर्थन करना अब गुनाह है।
इसके बाद बहुत से लोग सोशल मीडिया पर खड़े हो गए, जिन्होंने दिशा की गिरफ्तारी का समर्थन किया। उनका कहना है कि गिरफ्तारी और अपराध के मामले में उम्र को देखना गलत है। पुलवामा हमले में जिस आतंकी आदिल डार ने 40 जवानों की जान ली थी वो भी सिर्फ 21 साल का ही था। इसके अलावा कुछ लोगों ने 26/11 हमले में शामिल आतंकी कसाब की उम्र का भी जिक्र कर दिया, जो हमले के वक्त 20-21 साल का था।
बहुत से लोग ट्विटर पर ऐसे भी थे, जिन्होंने असम की हिमा दास का उदाहरण दिया, जो आईएएएफ वर्ल्ड अंडर-20 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। हिमा की उम्र भी करीब 21 साल है। इसके बाद ट्विटर पर #At21 और #DishaRaviArrested टॉप ट्रेंड में आ गया। कई लोग ऐसे हैं जो महिला जवानों की फोटो शेयर कर रहे। उनका कहना है कि एक ओर 21 साल की लड़कियां सेना में शामिल होकर देश की सेवा कर रहीं, तो दूसरी ओर 21 साल की ही दिशा रवि कथित तौर पर देश के साथ गद्दारी कर रही।
कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर ही सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने पूछा कि ग्रेटा थनबर्ग के टूलकिट को आखिर कैसे एक्सेस और एडिट किया गया। इस पर एक यूजर ने बताया कि कैसे 21 साल के अंकुश शर्मा ने चीनी जवानों को सबक सिखाते हुए गलवान घाटी में अपनी जान दे दी, तो वहीं दूसरी ओर लेफ्टिस्ट दिशा रवि का समर्थन कर रहे हैं। यूजर ने दिशा की तुलना कसाब और बुरहान वानी से कर दी।
Toolkit क्या होता है, जिस विवाद से जुड़ रहा है दिशा रवि-निकिता जैकब और शांतनु का नाम
राहुल-प्रियंका
भी
समर्थन
में
उतरे
शब्दों
की
जंग
केवल
ट्विटर
तक
ही
सीमित
नहीं
थी।
विपक्ष
भी
दिशा
रवि
के
समर्थन
में
उतर
आया।
साथ
ही
सरकार
को
दो
टूक
जवाब
दिया
कि
गिरफ्तारी
के
दम
पर
विरोध
की
आवाज
को
चुप
नहीं
करवाया
जा
सकता
है।
राहुल
गांधी
ने
ट्वीट
कर
लिखा
कि
बोल
कि
लब
आज़ाद
हैं
तेरे....बोल
कि
सच
ज़िंदा
है
अब
तक!
भारत
चुप
नहीं
रहेगा।
इसके
अलावा
प्रियंका
गांधी
ने
भी
सायराना
अंदाज
में
सरकार
पर
तंज
कसा।
उन्होंने
ट्विटर
पर
लिखा
कि
डरते
हैं
बंदूकों
वाले
एक
निहत्थी
लड़की
से,
फैले
हैं
हिम्मत
के
उजाले
एक
निहत्थी
लड़की
से।
दिशा
रवि
को
रिहा
किया
जाए।
बीजेपी
के
दिग्गज
भी
उतरे
मैदान
में
विपक्ष
के
बचाव
के
बाद
बीजेपी
के
दिग्गज
कहां
चुप
रहने
वाले
थे।
केंद्रीय
मंत्री
और
बीजेपी
के
वरिष्ठ
नेता
गजेंद्र
सिंह
शेखावत
ने
ट्वीट
कर
लिखा
कि
अगर
उम्र
ही
मानदंड
है
तो
परमवीर
चक्र
विजेता
सेकेंड
लेफ्टिनेंट
अरुण
खेत्रपाल
पर
मुझे
गर्व
है,
ना
कि
किसी
टूलकिट
प्रोपगेंडा
फैलाने
वाली
पर।
अरुण
भी
21
साल
की
उम्र
में
शहीद
हुए
थे।
वहीं
बीजेपी
प्रवक्ता
गौरव
भाटिया
ने
कहा
कि
एक
अपराधी,
सिर्फ
अपराधी
होता
है।
उसका
जेंडर,
उम्र
आदि
नहीं
होता।
आपके
(विपक्ष)
ज्ञान
के
लिए
बता
दूं
कि
जब
कसाब
ने
मुंबई
पर
हमला
किया
था
तो
वो
भी
करीब
21
साल
का
ही
था।