Toolkit case: 26 जनवरी को आरोपी शांतनु दिल्ली में कहां था, पुलिस ने बताया
नई दिल्ली: ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट केस में दिल्ली पुलिस को जिन दो आरोपियों की बेसब्री से तलाश है, उनमें पुणे के एक इंजीनियर ऐक्टिविस्ट शांतनु मुलुक और मुंबई की वकील और ऐक्टिविस्ट निकिता जैकब भी शामिल हैं। मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया है कि टूलकिट केस का 'फरार' आरोपी शांतनु लगातार 8 दिनों तक दिल्ली की टीकर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों के बीच मौजूद था। उधर निकिता जैकब ने भी अपने वकील के हवाले से कबूल किया है कि वह और दिशा रवि कथित खालिस्तानी समर्थक संगठन के संस्थापक के साथ जूम मीटिंग में शामिल हुई थी।
टिकरी बॉर्डर पर मौजूद था शांतनु मुलुक
गौरतलब है कि टूलकिट विवाद में सबसे पहले दिल्ली पुलिस के हत्थे बंगलुरु की 22 साल की क्लाइमेट ऐक्टिविस्ट दिशा रवि चढ़ी है, जिससे पूछताछ के दौरान कई अहम खुलासे हो रहे हैं। इसी में से अब यह जानकारी भी सामने आ रही है कि इस कांड का एक और अहम आरोपी शांतनु मुलुक 20 जनवरी से 27 जनवरी के बीच दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर आंदोलकारी किसानों के बीच मौजूद था। दिशा रवि समेत शांतनु और निकिता जैकब पर आरोप है कि उन्होंने किसान आंदोलन को हवा देने के लिए वह विवादित टूलकिट तैयार किया, जिसका मकसद भारत की छवि को खराब करना था; और उन्होंने इसके लिए खालिस्तान-समर्थक तत्वों के साथ साठगांठ की।
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अभी 'फरार' चल रहे हैं दोनों आरोपी
इस केस में दिशा रवि के अलावा बाकी दोनों 'फरार' चल रहे हैं और गिरफ्तारी से बचने के लिए कानूनी रास्ते तलाशने में लगे हैं। दोनों आरोपियों ने अपने बचाव के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका डाली हुई है। वैसे जैकब ने मुंबई में और शांतनु ने औरंगाबाद बेंच में याचिका दी है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक ये तीनों आरोपी गणतंत्र दिवस से 15 दिन पहले उस दिन के 'ऐक्शन' को लेकर खालिस्तान समर्थक संगठन 'पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन' की ओर से आयोजित जूम मीटिंग में भी शामिल हुए थे। गौरतलब है कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के नाम पर राजधानी में भयानक हिंसा की गई थी और लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज को भी अपमानित किया गया था। दिल्ली पुलिस ने जूम से भी उस मीटिंग की पूरी डिटेल मांगी है, जिसमें करीब 70 लोगों के शामिल होने की चर्चा है।
27 जनवरी को टिकरी बॉर्डर से निकल गया शांतनु
मंगलवार को पुलिस ने शांतनु के बारे में जो थोड़ी ज्यादा जानकारी साझा की है, उसके मुताबिक वह 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली वाले दिन तक प्रदर्शन वाली जगह पर मौजूद रहा और हिंसा के अगले दिन ही वहां से निकल गया। यही नहीं पूछताथ में दिशा ने इन दोनों के अलावा दो और संदिग्धों के नाम बताए हैं, जिनमें से एक तो विदेश में है और दूसरा भारत में ही मौजूद है। पुलिस इन सभी आरोपियों और संदिग्धों को पकड़ने के लिए दबिश दे रही है।
निकिता ने मानी जूम मीटिंग की बात
उधर इस केस की दूसरी आरोपी निकिता जैकब ने कबूल किया है कि वह उस विवादित जूम मीटिंग का हिस्सा थी, जिसमें संदिग्ध पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन का संस्थापक एमओ धालीवाल के अलावा दिशा रवि भी मौजूद थी। जैकब ने अपने वकील के जरिए यह जानकारी मुंबई पुलिस को दी है और सफाई देने की कोशिश की है कि उन लोगों का कोई 'धार्मिक, राजनीतिक या वित्तीय एजेंडा' नहीं था। उसने यह भी दावा किया है कि वह विवादित टूलकिट एक्सटिंक्शन रिबिलीयन इंडिया के कार्यकर्ताओं ने तैयार किया था, ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने आंदोलन की पूरी तस्वीर रखी जा सके।
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