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Toolkit Case: दिशा रवि को बेल क्यों नहीं मिलनी चाहिए ? दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दिया जवाब

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Dishsa Ravi Arrest in Toolkit Case: नई दिल्ली। टूलकिट मामले में गिरफ्तार कार्यकर्ता दिशा रवि की जमानत याचिका पर शनिवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। दिल्ली पुलिस ने जमानत का विरोध करते हुए कहा टूलकिट भारत के खिलाफ एक साजिश का हिस्सा है। ये उन तमाम वेबसाइट तक पहुंचने का जरिया है जो भारत और इसकी सेना को बदनाम करने के लिए बनाई गई हैं।

भारत को बदनाम करने के प्लान का हिस्सा

भारत को बदनाम करने के प्लान का हिस्सा

इस टूलकिट में दिशा रवि के साथ ही शांतनु मुलुक और निकिता जैकब पर भी आरोप हैं। दिल्ली पुलिस ने बताया कि उन्होंने भारत के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय अभियान चलाने के लिए टूलकिट में एडिट किया था। इस टूलकिट का पता स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के इसे ट्वीट करने के बाद चला था। बाद में ग्रेटा थनबर्ग ने इसे डिलीट कर दिया था।

दिशा रवि को 13 फरवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने 26 जनवरी को हुई किसान हिंसा से भी इस टूलकिट को कनेक्ट किया है। पुलिस का कहना है कि 26 जनवरी के दिन हुई हिंसा में विदेश में रह रही अलगाववादी ताकतों का इसमें हाथ था। इस दौरान टूलकिट बनाने वालों का प्लान खतरनाक था। पुलिस के मुताबिक इनकी योजना था कि हिंसा के बाद अगर पुलिस हिंसा करती तो उसे सोशल मीडिया पर फैलाकर भारत को बदनाम किया जाता।

कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछे तीन सवाल

कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछे तीन सवाल

रविवार को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस को 5 दिन की रिमांड मिली थी जिसकी अवधि पूरी होने के बाद शुक्रवार को जेल भेज दिया था। दिशा को तिहाड़ जेल में बंद करके रखा गया है। 22 फरवरी को दूसरे आरोपी शांतनु से आमने-सामने बैठाकर पूछ करने के लिए दिल्ली पुलिस की एक बार फिर से दिशा को रिमांड पर लेने की योजना है। दिशा रवि ने जमानत के लिए याचिका दायर की थी जिस पर शनिवार को सुनवाई हुई। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने दिशा को जमानत दिए जाने का विरोध किया।

शनिवार को जब दिशा रवि की जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही थी तो कोर्ट ने टूलकिट के बारे में भी सवाल किया। इसके साथ ही कोर्ट ने पूछा कि दिल्ली पुलिस दिशा रवि को जमानत दिए जाने से क्यों रोकना चाहती है ?

अभियोजन पक्ष का क्या कहना है ? दिशा रवि के खिलाफ आरोप क्या हैं ? उसके खिलाफ क्या सबूत हैं ?

पुलिस ने किया जमानत का विरोध

पुलिस ने किया जमानत का विरोध

जमानत का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने कनाडा में स्थित जस्टिस पोएटिक फाउंडेशन का नाम लिया और बताया कि ये संगठन खालिस्तान आंदोलन का समर्थन करता है। पुलिस के मुताबिक "वे (फाउंडेशन) किसान आंदोलन का फायदा उठाना चाहते थे। इसके लिए उन्हें भारतीय चेहरे की जरूरत थी जिसमें दिशा रवि शामिल थी। इस टूलकिट बनाने का उद्देश्य आरोपियों के बीच षड़यंत्र में शामिल होना था।"

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को ये भी बताया कि उसके पास दिशा के खिलाफ पर्याप्त में सबूत हैं। पुलिस ने कोर्ट के सामने केस से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज सील बंद लिफाफे में देने की अनुमति मांगी है।

इसके पहले गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में दिशा रवि ने बताया था कि उसने टूलकिट को नहीं बनाया है बल्कि 3 फरवरी को उसमें 2 लाइन एडिट की थी।

वहीं शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने मीडिया कवरेज को लेकर दिशा की याचिका पर सुनवाई करते हुए मीडिया को प्रामाणिक रिपोर्टिंग करने को कहा था। साथ ही पुलिस को किसी भी तरह का कोई दस्तावेज लीक न करने को भी कहा।

Toolkit Case: मीडिया रिपोर्टिंग, पुलिस और नागरिक अधिकार, हाईकोर्ट ने दिशा की याचिका पर क्या कहा ?Toolkit Case: मीडिया रिपोर्टिंग, पुलिस और नागरिक अधिकार, हाईकोर्ट ने दिशा की याचिका पर क्या कहा ?

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English summary
toolkit case what delhi police told court in disha ravi bail plea
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