Toolkit case: दिशा रवि को कोर्ट ने एक दिन की पुलिस रिमांड में भेजा
Toolkit matter: Patiala House Court sends Disha Ravi on one-day Police remand, read details: टूलकिट मामले में आरोपी दिशा रवि को सोमवार को दिल्ली में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया। इस दौरान पुलिस और 5 दिनों के लिए दिशा की रिमांड की मांग की है, जिस पर कोर्ट ने दिशा रवि की रिमांड पर भेज दिया है। बता दें कि दिशा रवि की तीन दिन की रिमांड सोमवार को खत्म हो गई थी। अब दिशा रवि से अन्य आरोपियों के सामने पूछताछ होगी।
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आपको बता दें कि बेंगलुरु की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को 13 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस का आरोप है कि दिशा रवि उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने उस टूलकिट को तैयार किया था, जो स्वीडन की युवा पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने साझा किया था।
मैं मंदिर दान के लिए किसी डकैत से संपर्क करता हूं तो...
मालूम हो कि इससे पहले दिशा रवि की जमानत पर अदालत ने शनिवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में जमानत याचिका पर घंटों सुनवाई हुई जिसमें अडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणा ने दिल्ली पुलिस से पूछा था कि पहले ये बताइए कि टूलकिट क्या है। अगर मैं मंदिर दान के लिए किसी डकैत से संपर्क करता हूं, तो आप कैसे कहते हैं कि मैं डकैती में भी साथ हूं? पहले यह बताएं कि अभियोजन की कहानी क्या है?
टूलकिट भारत को बदनाम करने की अंतरराष्ट्रीय साजिशों का एक हिस्सा
जबकि पुलिस के मुताबिक ये टूलकिट भारत को बदनाम करने की अंतरराष्ट्रीय साजिशों का एक हिस्सा है। इसके बहाने भारत और उसकी सेना को बदनाम करने की साजिश रची गई थी। आपको बता दें कि इस मामले में दिशा रवि के साथ ही निकिता जैकब और शांतनु मुलुक को भी आरोपी बनाया गया है लेकिन पुलिस ने केवल दिशा रवि को ही गिरफ्तार किया है।
दिशा रवि ने आरोपों से किया इंकार
दिशा रवि ने कहा कि मैं सभी आरोपों से इंकार करती हूं अगर मेरे मोबाइल और लैपटॉप से हिंसा फैली है तो मुझे बेंगलुरू क्यों नहीं ले जाया गया। मेरा दिल्ली हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है।मेरा खालिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है। मेरा सिख फॉर जस्टिस या पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से कोई कनेक्शन नहीं है। इस मामले में यह साफ है कि अगर आप विरोध करेंगे तो राजद्रोह का केस लग जाएगा और किसानों की समस्या के बारे में प्रश्न करना गलत है तो मैं जेल में ही सही हूं।