अयोध्या विवाद: SC ने मध्यस्थता पैनल से रिपोर्ट मांगी, 25 जुलाई को अगली सुनवाई
नई दिल्ली। अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई, इस दौरान याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा कि इस मसले में मध्यस्थता काम नहीं कर रही है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को ही फैसला सुनाना चाहिए, हालांकि अदालत की ओर से कहा गया है कि हमने मध्यस्थता के लिए वक्त दिया है, उसकी रिपोर्ट में अभी वक्त है लेकिन साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता कमेटी से इस मसले पर रिपोर्ट भी मांग ली है, अब इस मामले की सुनवाई 25 जुलाई को होगी।
वैसे कोर्ट ने पैनल को अपनी रिपोर्ट अगले गुरुवार तक सुप्रीम कोर्ट में जमा कराने के लिए कहा है, देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा है कि अगर पैनल कहता है कि मध्यस्थता कारगर नहीं साबित होती है, तो 25 जुलाई के बाद ओपन कोर्ट में रोजाना इसकी सुनवाई होगी।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच कर रही है सुनवाई
बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है। इस मसले में एक हिंदू याचिकाकर्ता ने मध्यस्थता प्रक्रिया को रोकने की मांग करते हुए कहा था कि इसका कोई परिणाम नहीं निकला है, उन्होंने इस मामले की फिर से सुनवाई करने की मांग की थी, आज उसी मांग पर सुबह 10.30 पर सुनवाई हुई, पक्षकार गोपाल सिंह विशारद ने मध्यस्थता मे कोई ठोस प्रगति न होने की बात कहते हुए कोर्ट से मुख्य मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यों की एक समिति गठित की
बता दें कि अयोध्या और बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद मध्यस्थता से सुलझाने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए कोर्ट ने तीन सदस्यों की एक समिति गठित की और इसे कैमरे की निगरानी में की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित इस कमेटी में अध्यक्ष के रूप में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एफएमआई कलीफुल्ला के अलावा आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू शामिल हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का था फैसला
मालूम हो कि अयोध्या और बाबरी मस्जिद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साल 2010 में फैसला सुनाया था। जिसमें कोर्ट ने विवादास्पद 2.77 एकड़ भूमि तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर-बराबर बांटने का फैसला सुनाया था।
Hearing in SC on plea for early hearing on Ayodhya land dispute case: K Parasaran,senior lawyer for applicant,seeking a date for early hearing in the case,says, "since mediation is unlikely to bring any positive results, so the court should give a date for an hearing in the case" pic.twitter.com/tDjzJOOVdN
— ANI (@ANI) July 11, 2019