बदल रहा है अब चीन का रुख, लेकिन पीएम मोदी मिशन ताशकंद के लिए तैयार!
नई दिल्ली/ बीजिंग। न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप यानी एनएसजी में भारत की एंट्री पर रोड़ा अटकाने वाले चीन के रुख में नरमी के संकेत मिल रहे हैं। इसके अलावा 23 जून को उजबेकिस्तान की राजधानी ताशंकद में एक समिट के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात होने के बारे में भी खबरें हैं।
अब क्या कहा चीन ने
ताजा समाचारों में चीन ने कहा है कि वह भारत की सदस्यता पर बात करेगा। चीन ने यह भी कहा है कि भारत की सदस्यता पर एनपीटी सदस्यों के अलावा गैर-एनपीटी सदस्यों से भी चर्चा करेगा। चीन की ओर से आए इस बयान से साफ है कि वह अपने रुख में नरमी कर सकता है। साथ ही इससे उसके हर पल बदलते तेवरों की ओर भी इशारा मिलता है।
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सियोल से पहले मिशन ताशंकद
24 जून के साउथ कोरिया की राजधानी सियोल में एनएसजी सदस्यों की मीटिंग होने वाली है। इससे पहले 23 जून को उजबेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन समिट का आयोजन होना है। पीएम मोदी इस समिट में हिस्सा लेने के लिए जाएंगे।
माना जा रहा है कि पीएम मोदी इस समिट से अलग चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से एनएसजी में भारत की सदस्यता के बारे में चर्चा कर सकते हैं। यह चर्चा बहस के एजेंडे में है ही नहीं लेकिन माना जा रहा है कि पीएम मोदी इस दौरान जिनपिंग को भारत के लिए मना सकते हैं।
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29 देश भारत के पक्ष में
अंग्रेजी न्यूजपेपर इकोनॉमिक टाइम्स की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक नौ जून को ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना में हुई मीटिंग में एनएसजी के लिए भारत के आवेदन को स्वीकार कर लिया गया है। ऐसे में सियोल में होने वाली मीटिंग में इस पर चर्चा हो सकती है।
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अमेरिका समेत ग्रुप के 48 सदस्यों में से 29 भारत के समर्थन में हैं। सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में अर्जेंटीना इस ग्रुप को लीड कर रहा है। अर्जेंटीना, भारत की एंट्री को लेकर बाकी देशों के साथ चर्चा कर रहा है।