गणतंत्र दिवस पर झांकी ना दिखाए जाने को टीएमसी ने बताया 'अपमान', CAA के विरोध से जोड़ा
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कहा है कि इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर पश्चिम बंगाल की झांकी को मंजूरी ना देकर भाजपा ने राज्य के लोगों का 'अपमान' किया है। ऐसा इसलिए किया क्योंकि हमने नागरिकता संशोशन कानून (सीएए) का विरोध किया है। हालांकि रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को जानकारी दी कि बंगाल सरकार की झांकी का प्रस्ताव विशेषज्ञ समिति के पास दो बार भेजा गया। दूसरी बैठक में विस्तृत चर्चा के बाद इसे खारिज कर दिया गया।
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भाजपा ने कहा है कि टीएमसी को हर मुद्दे पर राजनीति करना छोड़ देना चाहिए। पश्चिम बंगाल के संसदीय मामलों के राज्यमंत्री तापस रॉय ने पीटीआई से कहा, 'सिर्फ इसलिए कि पश्चिम बंगाल भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध करता रहा है, राज्य के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है। चूंकी हमने सीएए जैसे जन-विरोधी कानूनों का विरोध किया है, केंद्र ने हमारी झांकी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। ऐसा पहली बार नहीं है जब पश्चिम बंगाल की झांकी का प्रस्ताव ठुकराया गया है। निकट भविष्य में भाजपा को इसका जवाब मिलेगा।'
मामले पर पश्चिम बंगाल भाजपा का कहना है, झांकी के प्रस्ताव को इसलिए अस्वीकार किया गया है क्योंकि राज्य सरकार ने प्रस्ताव प्रस्तुत करने में नियमों और प्रक्रिया का ठीक से पालन नहीं किया था। पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, 'राज्य सरकार ने नियमों का पालन नहीं किया। बाकी राज्यों ने पालन किया, तो उनके झांकी के प्रस्ताव स्वीकार हो गए। टीएमसी को हर एक मुद्दे पर राजनीति करना बंद कर देना चाहिए।'
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2020 के गणतंत्र दिवस परेड के लिए 56 झाकियों के प्रस्ताव गृह मंत्रालय को प्राप्त हुए थे। इनमें से 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रालय या विभाग से आए थे। गणतंत्र दिवस परेड पर हुए पांच दौर की बैठक के बाद 56 झाकियों के प्रस्ताव में से 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 22 प्रस्तावों और मंत्रालयों व विभागों की 6 झाकियों को इस बार की परेड में शामिल होने के लिए चुना गया। चुने हुए प्रस्तावों में पश्चिम बंगाल की झांकी का प्रस्ताव नहीं है।
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