दुर्गा पूजा करने के मामले मे देवबंदी उलेमाओं को नुसरत जहां ने दिया करारा जवाब
नई दिल्लीः बीते सोमवार को सांसद और अभिनेत्री नुसरत जहां ने दुर्गा पूजा की और ढोल-नगाड़े पर जमकर थिरकीं, जिसके बाद हंगामा हो गया। मुस्लिम उलेमाओं ने टीएमसी सांसद नुसरत जहां को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें अपना नाम और धर्म बदल लेना चाहिए। क्योंकि वह अपने कामों से इस्लाम और मुस्लिम को बदनाम कर रही हैं। जिसके बाद अभिनेत्री नुसरत ने उलेमाओं को जवाब देते हुए कहा कि उन्हें कोई हक नहीं है को वो मुझे मेरा नाम बदलने को कहें।
'यह धर्म का मामला नहीं है।'
नुसरत जहां ने कहा कि 'यह धर्म का मामला नहीं है। लेकिन खुशी मनाने का मामला है। जिन्होंने मुझे मेरा नाम नहीं दिया है उन्हें कोई हक नहीं है वो मुझसे मेरा नाम बदलने को कहें।' साथ ही यह भी कहा कि 'यह हिन्दू और मुस्लिम का मामला नहीं है। उलेमाओं को मेरा यही संदेश है कि थोड़ा आराम करें और हैप्पी पूजा।' इसके अलावा उन्होंने राजनीतिक बयान देते हुए कहा कि यह खुशी मनाने का वक्त है। केवल राजनीति की नहीं।
पति के साथ पूजा में हुईं थीं शामिल
बता दें कि टीएमसी सांसद नुसरत जहां नवरात्र की महाअष्टमी के दिन अपने पति निखिल जैन के साथ दुर्गा पूजा समारोह में शामिल होने के लिए पहुंचीं थीं। इस दौरान नुसरत पारंपरिक भारतीय अंदाज में नजर आईं। उन्होंने लाल रंग की साड़ी पहन रखी थीं और मांग में सिंदूर भी लगाया हुआ था।
देवबंद ने नाराजगी जताई
यही नहीं पूजा कार्यक्रम के दौरान वो ढोल की थाप पर डांस करती हुई भी दिखाई दी थीं। जिसके बाद दुर्गा पूजा समारोह में शामिल होने को लेकर विवाद हो गया है, देवबंदी उलेमा ने उनके रवैये पर नाराजगी जताई है। साथ ही उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर नुसरत जहां को गैर मजहबी काम करने हैं, तो वो अपना नाम बदल सकती हैं।
देवबंद उलेमाओं ने दी नसीहत
नुसरत जहां के दुर्गा पूजा में शामिल होने को लेकर देवबंदी उलेमा ने कहा, 'नुसरत जहां क्यों गैर-मजहबी वाले काम कर रही हैं? इस्लाम में अल्लाह के सिवा किसी और की इबादत करना हराम है। अगर नुसरत जहां को गैर-मजहबी काम करने हैं तो क्यों नहीं नुसरत जहां अपना नाम बदल ले रही हैं। इस तरह के रवैये से वो इस्लाम और मुसलमानों की तौहीन क्यों कर रही हैं। अगर नुसरत जहां इस्लाम को नहीं मानती हैं तो उन्हें अपना नाम बदल लेना चाहिए।'
'वह इस्लाम और मुसलमानों की तौहीन कर रही हैं'
साथ ही देवबंदी उलेमा ने यह भी कहा कि 'नुसरत जहां ने यह काम पहली बार नहीं किया है। वह इससे पहले भी पूजा कर चुकी हैं। इस बार उन्होंने नवदुर्गा की पूजा की है। मैं समझता हूं कि इस तरह का अमल इस्लाम में जायज नहीं है। उन्हें इससे परहेज करना चाहिए। इस तरह के काम करके वह इस्लाम और मुसलमानों की तौहीन कर रही हैं। बता दें कि इससे पहले भी नुसरत जहां पूजा समारोह में जाने पर, संसद में साड़ी और सिंदूर को लेकर आलोचकों के निशाने पर आ चुकी हैं।