TMC सांसद ने कसा तंज, कहा -PM मोदी के भाषण में उत्तर कोरिया के तानाशाह की झलक
नई दिल्ली। कोरोना संकट और देश में जारी लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महापैकेज की घोषणा की। पीएम मोदी पांचवी बार जब देश की जनता को संबोधित करने आए तो सबको लगा कि प्रधानमंत्री एक बार फिर से लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान करेंगे। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में लॉकडाउन 4 का ऐलान तो किया ही, लेकिन साथ ही साथ 20 लाक करोड़ के बड़े राहत पैकेज की घोषणा की। प्रधानमंत्री द्वारा किए गए एस स्पेशल आर्थिक पैकेज के ऐलान के बाद तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने तंज कसते हुए उनकी तुलना उत्तर कोरिया के पूर्व तानाशाह से कर दी।
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TMC सासंद ने पीएम पर कसा तंज
टीएमसी
सांसद
महुआ
मोइत्रा
ने
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
के
संबोधन
पर
तंज
कसते
हुए
कहा
कि
प्रधानमंत्री
के
भाषणों
में
उत्तर
कोरिया
के
पूर्व
तानाशाह
किम
जोंग
इल
की
झलक
दिखती
है।
उन्होंने
पीएम
मोदी
के
संबोधन
पर
तीखी
टिप्पणी
करते
हुए
ट्विटर
पर
लिखा
कि
आदरणीय
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
का
संबोधन
सुन
रही
हूं।
उनके
संबोधन
में
मुझे
उत्तर
कोरिया
के
पूर्व
तानाशाह
किम
जोंग
इल
की
झलक
मिल
रही
है।
पीएम
के
संबोधन
में
मुझे
पूर्व
तानाशाह
किम
जोंग
इल
की
विचाराधारा
Juche
की
याद
आ
रही
है।
नार्थ कोरिया के इस तानाशाह से की तुलना
उन्होंने Juche शब्द का मतलब भी बताया और उसके बारे में लिखा कि Juche शब्द का मतलब नार्थ कोरिया की कोर विचारधारा से है, जिसके अर्थ होता है एक देश के रूप में उत्तर कोरिया को अलग और बाकी के विश्व से उसे अलग होना चाहिए। इस विचारधारा का मतलब है कि देश को एक देवता के सामान नेता पर निर्भर होना चाहिए। आपको बता दें कि किम जोंग इल नार्थ कोरिया के मौजूदा तानाशाह किम जोंग उन के पिता थे और वो नार्थ कोरिया के बड़े नेताओं में जाने जाते हैं।
विवादों से रहा है नाता
महुआ मोइत्रा ने पीएम मोदी के संबोधन पर तंज करते हुए उसकी तुलना नार्थ कोरिया की इस विचारधारा से की। आपको बता दें कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा विवादों में अक्सर घिरी रही है। इससे पहले वो एनआरआई डॉक्टरों पर विवादित बयान देकर फंस चुकी है। उन्होंने NRI डॉक्टरों द्वारा पश्चिम बंगाल को लिखे पत्र को लेकर डॉक्टरों पर ही सवाल खड़े कर दिए। जिसके बाद उनकी खूब आलोचनाएं हुई। महुआ मोइत्रा ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट पर भी नाराजगी जताई थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के रवैये से नाराजगी जताते हुए ट्विटर पर लिखा कि सुप्रीम कोर्ट घरों में शराब पहुंचाने के मुद्दे पर संवेदनशील है, लेकिन प्रवासी मजदरों को लेकर वह याचिका नहीं सुनता है। महुआ पर भाषण चोरी का भी आरोप लग चुका है।