टाइम मैग्जीन ने वाटरगेट के बाद 2 जी को बताया था दूसरा सबसे बड़ा घोटाला
नई दिल्ली। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 2जी मामले में मुख्य आरोपी पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा, डीएमके सांसद कनिमोझी समेत सभी को बरी कर दिया है। भले ही यूपीए-2 सरकार में सामने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया हो लेकिन जिस वक्त ये मामला सामने आया था उस समय सियासी गलियारे में भूचाल सा आ गया था। देश ही नहीं दुनियाभर में 2जी मामले ने सुर्खियां बटोरीं थीं। प्रतिष्ठित टाइम मैग्जीन ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले को वाटरगेट स्कैंडल के बाद दूसरा सबसे बड़ा घोटाला बताया था।
सीबीआई अदालत का बड़ा फैसला
मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाले यूपीए-2 में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन का मामला सामने आया था। इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि देश ही नहीं दुनिया में 2जी स्पेक्ट्रम मामले की गूंज सुनाई दी। प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने 2जी मामले को वाटरगेट स्कैंडल के बाद दूसरा सबसे बड़ा घोटाला माना था। उस समय टाइम मैग्जीन ने इसे दुनिया में सरकारी सत्ता का दूसरा सबसे बड़ा दुरुपयोग बता दिया था।
टाइम मैग्जीन में भी हुआ था 2जी मामले का जिक्र
टाइम मैगजीन में छपी रिपोर्ट में कहा गया था कि 2जी मामला रिचर्ड निक्सन के वाटरगेट स्कैंडल से थोड़ा ही कम था। बता दें कि वाटरगेट कांड का संबंध अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन से है, जिसमें उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। वाटरगेट स्कैंडल का खुलासा 17 जून, 1972 को हुआ। मामला यह था कि राष्ट्रपति निक्सन ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के कार्यालय में होनी वाली बातों को निजी स्वार्थों के लिए टेप करवाया। इस मामले में निक्सन को 9 अगस्त, 1974 को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। वाटरगेट कांड एक तरह से दूसरे की निजता में दखलअंदाजी और सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग करते हुए अपने हितों की रक्षा करना था।
यूपीए-2 में सामने आया था 2जी मामला
भले ही 2जी स्पेक्ट्रम मामले का जिक्र करते हुए टाइम मैगजीन ने इसकी तुलना वाटरगेट स्कैंडल से की हो, लेकिन अब इस मामले में दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने अहम फैसला देते हुए इससे जुड़े सभी आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट के इस फैसले के बाद सवाल उठा कि क्या 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला हुआ था या नहीं?
कांग्रेस इसे सर्टिफिकेट नहीं समझे: अरुण जेटली
इस मामले में केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 2जी मामले में कोर्ट के फैसले को लेकर कांग्रेस ऐसे व्यवहार कर रही है जैसे उन्हें ईमानदारी का सर्टिफिकेट मिल गया हो। कांग्रेस इसे सर्टिफिकेट नहीं समझे, इस पर एजेंसी ध्यान देगी। स्पेक्ट्रम आवंटन से जुड़े मामले में अपनाई गई पॉलिसी को सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में खारिज कर दिया था। अरुण जेटली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में अपनाई गई प्रक्रिया को मनमाना और अनुचित करार देते हुए इससे संबंधित सभी 122 लाइसेंस को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने माना था कि अपनाई गई पॉलिसी से सरकार को नुकसान हुआ। अरुण जेटली ने बताया कि बाद में नई सरकार ने आवंटन के लिए नीलामी की प्रक्रिया अपनाई जिसका फायदा भी देखने को मिला।
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