टिक टॉक समेत 59 चीनी ऐप पर सरकारी पैनल 48 घंटों में करेगा सुनवाई, होगी आरोपों की जांच
टिक टॉक समेत 59 चीनी ऐप पर सरकारी पैनल 48 घंटों में करेगा सुनवाई, होगी आरोपों की जांच
नई दिल्ली। चीन के साथ लद्दाख में चल रहे सीमा विवाद के बीच भारत सरकार ने सोमवार को टिक टॉक समेत 59 चाइनीज ऐप को भारत में प्रतिबंधित कर दिया। इसके बाद अवरुद्ध किए गए सभी 59 चीनी एप्लीकेशन कंपनियों के ऐप जिनमें टिकटॉक, शेयरइट और यूसी ब्राउज़र शामिल हैं, इन सभी ऐप को अगले 48 घंटे के भीतर एक सरकारी पैनल द्वारा सुना जाएगा और उपयोगकर्ता डेटा के कथित अनधिकृत उपयोग के आरोपों की जांच की जाएगी।
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बता दें भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने चाइनीज ऐप की एक लिस्ट तैयार की थी और सरकार से अपील की थी कि इन ऐप पर प्रतिबंध लगाया जाए और लोगों से कहा जाए कि वो तुरंत इन ऐप्स को अपने फोन से हटा दें। सुरक्षा एजेंसियों की दलील है कि इन ऐप के जरिए भारतीयों का डेटा हैक किया जा सकता है। जिसके बाद सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इन सभी 59 चीनी ऐप को बैन कर दिया है। अब ये सरकारी पैनल इस बात की जांच करेगा कि जो इन ऐप के माध्यम से भारतीय लोगों के डेटा लीक होने का दावा किया जा रहा है उसमें कितनी सच्चाई है।अवरुद्ध आवेदन कंपनियों की सुनवाई एक समिति द्वारा की जाएगी। इस समिति में आयकर, गृह मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय (I & B), कानून मंत्रालय, और भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-in) के अधिकारी शामिल हैं।
गूलल प्ले स्टोर ने हटाए ये सारे ऐप
मालूम हो कि इस बीच, Google ने Play Store से सभी प्रतिबंधित एप्लिकेशन हटा दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, TikTok ने प्ले स्टोर से अपने दम पर ऐप को डाउन कर दिया है। गूगल ने ये सारे चाइनीज ऐप भारत में प्रतिबंध लगाए जाने के कुछ ही घंटे बाद ही हटाया दिया था।
TikTok भारत प्रमुख ने कहा कोई भी डेटा चाइना के साथ साक्षा नहीं किया
मोदी सरकार ने 59 चाइनीज ऐप्स पर सुरक्षा का हवाला देते हुए भारत में प्रतिबंध लगा दिया। इन सभी ऐप में सबसे ज्यादा पॉपुलर ऐप टिक टॉक है जिसके भारत में करोड़ों यूजर्स हैं। इस बैन के बाद वीडियो मेकिंग ऐप टिक टॉक इंडिया ने एक बयान जारी किया है। टिक टॉक इंडिया के प्रमुख निखिल गांधी ने कहा है कि ''भारत सरकार ने 59 ऐप्स को बैन करने का फैसला लिया है. हम इस आदेश को मान रहे हैं। इसके लिए हम सरकारी एजेंसियों से मुलाकात भी करेंगे और अपनी सफाई पेश करेंगे। टिक टॉक भारत के कानून का सम्मान करता है। टिक टॉक ने भारत के लोगों का डाटा चीनी सरकार समेत किसी भी विदेशी सरकार को नहीं भेजा हैं। अगर हमसे ऐसा करने को कहा भी जाता है फिर भी हम ऐसा नहीं करेंगे। निखिल गांधी ने यह दावा किया कि उसने किसी भी विदेशी सरकार के साथ भारतीय उपयोगकर्ताओं की जानकारी साझा नहीं की है, जिसमें चीन भी शामिल है। हमें जवाब देने और स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के अवसर के लिए संबंधित सरकारी हितधारकों के साथ मिलने के लिए आमंत्रित किया गया है।
भारत सरकार ने दिया ये तथ्य
सरकार की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा इन ऐप से होने वाले खतरे के मद्देनजर की गई हैं। जिन ऐप को प्रतिबंधित किया गया है क्योंकि इनके बारे में अनुमान है कि इनसे भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य और सार्वजनिक व्यवस्था की सुरक्षा को खतरा है। "सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत इसे लागू कर रहा है, जो सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों (प्रक्रिया और सुरक्षा उपायों को सार्वजनिक रूप से सूचना के उपयोग को अवरुद्ध करने के लिए) नियम 2009 के नियम और आकस्मिक प्रकृति के मद्देनजर पढ़ा गया है। आदेश में कहा गया है कि सूचनाओं को देखते हुए खतरों ने 59 ऐप को ब्लॉक करने का फैसला किया है, क्योंकि वे उन गतिविधियों में लगे हुए हैं जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के पक्षपातपूर्ण हैं।
सरकार द्वारा 59 चाइनीज ऐप पर पाबंदी लगने के बाद सोशल मीडिया पर दी ये मजेदार प्रतिक्रिया