निर्भया केस: दोषियों की फांसी का रास्ता साफ, अपना सिर फोड़ने वाले विनय की भी याचिका खारिज
नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप के दोषी फांसी से बचने के लिए हर दिन अलग-अलग पैंतरे आजमा रहे हैं। चारों दोषियों के पास सभी कानूनी रास्ते खत्म होने के बाद अब वह अजीबोगरीब हरकते करने लगे हैं। इसी सप्ताह दोषियों में से एक विनय शर्मा ने तिहाड़ जेल के अंदर दीवार में अपना सिर पटककर खुद को घायल कर लिया था। इस संबंध में दोषी विनय के वकील ने उसकी मानसिक स्थिति का हवाला देते हुए मेडिकल सहायता के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने शनिवार को याचिका खारिज कर दी है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषी विनय शर्मा की उस याचिका को खारिज कर दिया दिया है जिसमें उसने उच्च स्तरीय चिकित्सा प्रदान करने के लिए निर्देश देने की मांग की थी।

मानसिक स्थिति ठीक ना होने का दावा
राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 को हुए निर्भया गैंगरेप और हत्या के दोषियों की फांसी के लिए पीड़ित पक्ष पिछले सात साल से कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। दिल्ली की एक अदालत ने अब तीसरी बार दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया है, कोर्ट के आदेशानुसार दोषियों को 3 मार्च को फांसी पर लटकाया जाना है। फांसी से बचने के लिए दोषी विनय ने अब मानसिक स्थिति ठीक ना होने का हवाला देते हुए कोर्ट से दया की गुहार लगाई है। गुरुवार को मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जेल प्रशासन से जवाब मांगा था।
Nirbhaya Case: Public Prosecutor Irfan Ahmad further added that there is no medical history of mental instability of convict Vinay Sharma as claimed by the convict's counsel AP Singh
— ANI (@ANI) February 22, 2020
विनय का कोई मेडिकल इतिहास नहीं
गौरतलब है कि इसी सप्ताह दोषी विनय शर्मा ने जेल की दीवार में अपना सिर पटककर खुद को चोट पहुंचाया था, इसके बाद उसके वकील ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील इरफान अहमद ने अपनी दलील में कहा कि दोषी विनय शर्मा की मानसिक अस्थिरता का कोई मेडिकल इतिहास नहीं है जैसा कि दोषी के वकील एपी सिंह ने दावा किया है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले उसने अपनी मां से भी बात की थी फिर एपी सिंह ऐसा दावा क्यों कर रहे हैं कि वह अपनी मां को नहीं पहचान सका।

जेल प्रशासन ने कोर्ट में पेश किया सबूत
इरफान अहमद ने अदालत को अवगत कराया कि दोषी विनय ने खुद अपना सिर दीवार पर पटक दिया और वह तुरंत डॉक्टरों द्वारा भाग लिया गया। तिहाड़ जेल प्रशासन ने कोर्ट में सीसीटीवी फुटेज भी पेश किया है। दोषी विनय ने खुद ही अपना सिर दीवार में मारा था और उसे तुरंत डॉक्टर मुहैया करवाया गया था। इरफान अहमद ने दोषी विनय के वकील के उस दावे का सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने दोषी के मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने का दावा किया है।

कोर्ट ने पूछा-आखिरी बार परिजनों से कब मिलोगे?
तिहाड़ जेल के अधिकारी ने शनिवार को बताया कि, चारों दोषियों से अंतिम बार परिवार से मिलने के बारे में पूछा गया है। मुकेश और पवन 1 फरवरी वाले डेथ वारंट से पहले ही अपने परिवार से मिल चुके हैं। अब अक्षय और विनय से पूछा गया है कि वह कब अपने परिवार से मिलना चाहते हैं। इसके अलावा जेल प्रशासन ने यूपी के जेल विभाग को जल्लाद को तिहाड़ बुलाने के लिए पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि फांसी की तारीख से दो दिन पहले उसे तिहाड़ भेजा जाए।
Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape case victim: It was a tactic to delay the execution. The convicts are misleading courts. They have exhausted almost all legal remedies and I believe that they will be hanged on March 3. https://t.co/Sp9szQFGZI pic.twitter.com/Td5rPUQn5J
— ANI (@ANI) February 22, 2020
निर्भया की मां ने कही ये बात
2012 के दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा, 'मौत की सजा के मामले में सामान्य चिंता और अवसाद स्पष्ट है। निस्संदेह, निंदनीय दोषी को पर्याप्त चिकित्सा उपचार और मनोवैज्ञानिक मदद मुहैया कराई गई है।' कोर्ट के फैसले के बाद निर्भया की मां का भी बयान सामने आया है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, दोषी अदालत को गुमराह कर रहे हैं। फांस के आदेश को टालने के लिए दोषी विनय की यह रणनीति थी। दोषियों के लगभग सभी कानूनी उपाय समाप्त हो चुके हैं मुझे विश्वास है कि उन्हें 3 मार्च को फांसी दी जाएगी।
During the hearing of 2012 Delhi gang-rape case, the court observed, 'General anxiety and depression in case of a death row convict is obvious. In the case at hand, evidently, adequate medical treatment and psychological help have been provided to the condemned convict'. https://t.co/Sp9szQFGZI
— ANI (@ANI) February 22, 2020
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