ट्रेन में बनाया गया बाघ का स्पेशल पिंजरा, 59 घंटे का सफर के बाद पहुंचेगा असम
मैसूरः आपको सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन मैसूर चिड़ियाघर के एक बाघ को 59 घंटे(दो दिन और 11 घंटे) के सफर से ट्रेन से गुवाहटी पहुंचाया जाएगा। बाघ को जानवरों के एक्सचेंजिंग प्रोग्राम के तहत गुवाहटी के चिड़ियाघर में ले जाया जाएगा। ऐसा कम ही होता है कि जब किसी जानवर का इतना सफर कराके एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है।
बाघ के लिए माल गाड़ी में स्पेशल कोच
बाघ के लिए माल गाड़ी में स्पेशल कोच तैयार किया गया है। बाघ के ये सफर नौ मार्च को मैसूर से शुरू होगा। ट्रेन में बाघ के कोच के साथ दो काले हिरण भी होंगे। ये सभी जानवर रविवार को गुवाहटी पहुंच जाएंगे।
गुवाहाटी चिड़ियाघर
जानवरों को ट्रेन मार्ग से ले जाने को लेकर गुवाहाटी चिड़ियाघर के अधिकारियों का कहना है कि 'हम लोग जानवरों को लेने के लिए बुधवार को मैसूर पहुंच जाएंगे। हमारे साथ मैसूर चिड़ियाघर के एक अधिकारी भी होंगे जो हमारे साथ गुवाहाटी जाएंगे।'अधिकारियों का कहना है कि ट्रेन के कोच में बाघ को एक मेटल के पिंजरे में रखा जाएगा।
खास सुविधाओं का इंतजाम
बाघ के लिए खास सुविधाओं का इंतजाम किया गया है। खास ध्यान रखा गया है कि बाघ को सफर में किसी तरह की असुविधा न हो। जानवरों के भोजन के लिए मिल्क, ब्रेड, मीट और सब्जियों को भी रखा जाएगा।
बाघ के इस सफर में ट्रेन में पशु चिकित्सक साथ होंगे
बाघ के इस सफर में ट्रेन में पशु चिकित्सक और तीन एनिमल कीपर भी साथ होंगे। अगर किसी भी जानवर को किसी भी तरह की मेडिकेशन की जरुरत पड़ती है तो ये उपलब्ध कराएंगे। मैसूर चिड़ियाघर के अधिकारी रविशंकर का कहना है कि 'हमने पहले हवाई जहाज से सफर के लिए सोचा था लेकिन हमें ऐसा कोई ऑप्शन नहीं मिला जिसमें इन जानवरों को सुविधाजनक तरीके से ले जाया जा सके। इसी कारण से फिर रेल में जाने का फैसला लिया गया।