दलाई लामा ने इमरान खान को दी भावनाओं पर काबू रखने की नसीहत, पाकिस्तान को.....
नई दिल्ली- तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा ने पाकिस्तानी पीएम इमरान खान को नसीहत दी है कि वे अपनी भावनाओं पर काबू रखें और क्षेत्र की शांति के लिए वास्तविक नजरिया अपनाएं। दलाई लामा ने इमरान खान और दूसरे पाकिस्तानी नेताओं से कहा है कि वे अपनी भावनाओं से बाहर निकलकर सोचें। यही नहीं उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ पूरी दुनिया के लोगों को एकजुट होने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान की भी जमकर सराहना की है। दलाई लामा चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में आयोजित एक सेमीनार को संबोधित करने के लिए पहुंचे हुए थे, उसी कार्यक्रम में उन्होंने पाकिस्तान को वास्तविकता स्वीकार कर लेने की सलाह दी है।
भावनाओं पर काबू रखें इमरान- दलाई लामा
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में 'सेक्युलर एथिक्स इन मॉडर्न एजुकेशन इन द कंटेक्स्ट ऑफ गुरु नानक देव जी' विषय पर आयोजित एक सेमीनार में दलाई लामा ने कहा है कि पाकिस्तान को भारत की जरूरत है और पाकिस्तानी नेताओं को ठंडे दिमाग से व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि उन्हें, 'शांत हो जाना चाहिए और भावना से बाहर निकलकर व्यवहारिक दृष्टिकोण को अपनाना चाहिए।' इस दौरान उन्होंने यूनाइटेड नेशन्स में प्रधानमंत्री मोदी और इमरान खान के भाषणों का भी हवाला दिया। दलाई लामा बोले, 'यूएन में दिए गए भारतीय और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के भाषणों में एक अंतर है। भारत के प्रधानमंत्री ने शांति की बात की और आप जानते हैं कि उनके पाकिस्तानी समकक्ष ने क्या कहा। चीन का राजनीतिक समर्थन लेना पाकिस्तान की बाध्यता है। लेकिन, पाकिस्तान को भारत की भी जरूरत है। पाकिस्तानी नेताओं को शांत हो जाना चाहिए और भावनाओं से बाहर निकलकर एवं व्यवहारिक नजरिया रखना चाहिए। '
ट्रंप को भी दी सलाह
तिब्बत के निर्वासित नेता ने इस कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को भी अपनी भावनाओं पर काबू रखने की सलाह दी है। उनके मुताबिक उत्तर सीरिया में तुर्की के आक्रमण के बीच उपद्रवग्रस्त सीरिया से सेना वापस बुलाने का उनका फैसला मानवता पर भारी पड़ सकती है। इसलिए उन्होंने ट्रंप को सलाह दी है कि वे भावनाओं में आकर फैसले न लें। लामा के मुताबिक, 'सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि अमेरिकी राष्ट्रपति भी बहुत ज्याता भावनात्मक हो रहे हैं। सीरिया को देखिए, उन्होंने (ट्रंप) सेना वापस बुला लिया.....इसका फायदा तुर्की के राष्ट्रपति (रेसेप तईप एर्दोगन ) ने उठा लिया। बड़े दुख की बात है......'
भारत से लोकतंत्र की भी सीख ले चीन- दलाई लामा
इस कार्यक्रम में भारत-चीन संबंधों के बारे में उन्होंने कहा कि दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए ये अच्छा है, लेकिन चीन को भारत के लोकतंत्र से भी सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि,'भारत और चीन के द्विपक्षीय संबंधों के लिए दोनों के बीच बातचीत बहुत ही महत्वपूर्ण है। चीन को भारत की जरूरत है और भारत को चीन की आवश्यकता है, जिससे दोनों देश एक-दूसरे की अर्थव्यवस्था को गति दे सकें। मेरी इच्छा है कि भारत को ज्यादा चीनी छात्रों को बुलाना चाहिए और उन्हें लोकतंत्र के मायने समझाना चाहिए। कुछ चीनी छात्र जो अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, यूरोप जैसे देशों में पढ़ते हैं, उन्होंने कई मौकों पर मुझसे कहा है कि चीन में उन्होंने सुना था कि दलाई लामा दकियानूसी हैं और जब उन्होंने मेरी बातों को सुना तब बोले कि मैं दकियानूसी नहीं था। '
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