लालू का साथ छूटने से खुश है वो बाप जिसके दो जवान बेटों को तेजाब से जलाया
चंदा बाबू ने कहा है कि जब तक बिहार में महागठबंधन की सरकार रही तब तक मुझे न्याय की उम्मीद नहीं थी अब नीतीश कुमार और बीजेपी की सरकार बनने के बाद से एक बार फिर से न्याय की उम्मीद जगी है।
नई दिल्ली। बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद सीवान के एक 70 साल के बुजुर्ग के अंदर न्याय की उम्मीद एक बार फिर से जग गई हैं। अपने तीन बेटों की की हत्या का दर्द झेल रहे चंदा बाबू ने लालू का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ के नीतीश के फैसले का सही करार दिया है और कहा है कि अब उनको न्याय मिलने की उम्मीद है।
जिस सीवान में कभी शहाबुद्दीन को खौफ हुआ करता था आज वहां लोग बिहार में नीतीश कुमार और बीजेपी की सरकार बनने से खुश है वहां के लोगों को भी लगने लगा है कि अब सीवान के लोगों को न्याय मिलेगा।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक चंदकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू ने कहा है कि जब तक बिहार में महागठबंधन की सरकार रही तब तक मुझे अपने बेटों की हत्या के मामले में न्याय की उम्मीद नहीं थी अब नीतीश कुमार और बीजेपी की सरकार बनने के बाद से एक बार फिर से न्याय की उम्मीद जगी है। उन्होंने गैंगस्टर शहाबुद्दीन के जेल से छूटने के वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय वो डर गए थे और पुलिस ने उनको सीवान छोड़ने की सलाह दी थी।
बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद 2006 में मारे गए सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन ने कहा है कि महागठबंधन की सरकार से उन्हें न्याय की उम्मीद नहीं थी लेकिन अब एनडीए की सरकार बनने के बाद लगता है कि न्याय मिलेगा।
आपको बता दें कि सीवान के रहने वाले चंदकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के दो बेटों को एसिड से नहला दिया गया था जिसका आरोप सीवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के ऊपर है वहीं चंदा बाबू के तीसरे बेटे गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जो अपने भाईयों की मौत की घटना का एकमात्र चश्मदीद था। कुछ दिनों पहले जब शहाबुद्दीन जेल से छूटा था तब चंदा बाबू ने ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर कर उसे फिर से जेल भेजने की मांग की थी और शहाबुद्दीन को दोबारा जेल जाना पड़ा था।
शहाबुद्दीन का सीवान में एकछत्र राज चलता था वह अभी तिहाड़ जेल में बंद है उसके ऊपर कई गंभीर मुकदमे है और उम्रकैद की सजा मिली हुई है।