कोविड 19: तीन अस्पतालों ने गर्भवती महिला को एडमिट करने से किया इनकार,अजन्मे जुडवां बच्चों की हुई मौत
कोविड 19: तीन अस्पतालों ने गर्भवती महिला को एडमिट करने से किया इनकार,अजन्मे जुडवां बच्चों की हुई मौत
नई दिल्ली। कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम ही नहीं ले रहा। कोरोना महामारी के कारण कई घरों में मातम पसरा हुआ है। इसी बीच केरल में एक और दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया है। एक कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला को डिलीवरी पेन में उसका पति एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल लेकर भटकता रहा लेकिन कोरोना के भय के चलते किसी अस्पताल में उसे एडमिट नहीं किया। जिसके चलते महिला के गर्भ में पल रहे जुड़वा शिशुओं की मौत हो गई।
गर्भ में तड़प रही महिला पर किसी अस्पताल को नहीं आई तरस
ये वाकया केरल के मलप्पुरम का है। महिला के पति, एनसी शेरिफ ने बताया कि उन्होंने अपनी 20 वर्षीय पत्नी के अजन्मे जुड़वा बच्चों को अस्पताल के भर्ती न करने की वजह से हमेशा के लिए खो दिया। उन्होंने बताया कि "मैं अपनी पत्नी शहला को शनिवार तड़के लगभग 4.30 बजे गंभीर दर्द के साथ एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकता रहा मंजेरी मेडिकल कॉलेज ले गया तीन अस्पतालों ने दर्द से कराह रही मेरी बीबी को भर्ती करने से इंकार कर दिया। इसके बाद आखिरकार भर्ती किया और उसे शाम 6.30 बजे के आसपास इलाज मिला। रविवार को देर शाम एक सी-सेक्शन किया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, और अजन्मे जुड़वा बच्चों की मौत हो गई।
महिला की एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी थी
घटना को बेहद दर्दनाक बताते हुए स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने जांच के आदेश दिए हैं और स्वास्थ्य सचिव को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। शेरिफ ने कहा कि वह अपनी पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर मंजेरी मेडिकल कॉलेज ले गया, लेकिन उन्होंने उसे यह कहते हुए उसे एडमिट नहीं किया कि यह कोविड -19 अस्पताल है, और दर्द होने पर उसे दूसरे अस्पताल में भी रेफर कर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी ने सितंबर की शुरुआत में कोविड -19 पॉजिटिव पाई गई थी। 15 सितंबर को, उसने एक एंटीजन टेस्ट में निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद घर लौट आया। कुछ दिनों के बाद, वह दर्द का अनुभव करने लगी और 18 सितंबर को मंजेरी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों से परामर्श किया।
प्राइवेट अस्पतालों ने एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट को मानने से कर दिया इनकार
हालांकि, रविवार को, जब उसे भर्ती कराने ले गया तो निजी अस्पतालों ने सरकार द्वारा किए गए एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट को मानने से मना कर दिया और आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट मांगते हुए उस पर जोर दिया। शेरिफ के अनुसार, उसने शुक्रवार रात को अपनी पत्नी को पहले एडवाना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने की कोशिश की थी, जहां उन्होंने कहा कि एंटीजन रिपोर्ट रिपोर्ट पर विचार करने से इनकार करने के कारण उसे कोरोनोवायरस के कारण इलाज नहीं दिया जा सकता।
एक के बाद एक बहाना बना कर अस्पताल महिला को भर्ती करने से किया इंकार
मंजरी मेडिकल कॉलेज ने भी उसे एडमिट करने से मना कर दिया और पड़ोसी कोझिकोड जिले के एक अन्य सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया। महिला को तब कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया था। इस सब के बीच, शेरिफ ने कहा कि उसने एक और निजी अस्पताल भी बुलाया, लेकिन उन्होंने शाहला को एडमिट करने से इंकार कर दिया। आरटी-पीसीआर परीक्षण पर जोर दिया। इसके बाद परिवार गर्भवती महिला को केएमसीटी अस्पताल, मुक्कम ले गया, जहां वे उसे एडमिट करने के लिए तैयार हो गए। स्कैन करने के बाद उन्होंने मरीज को कोझीकोड मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया, जहां सी-सेक्शन किया गया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।