जम्मू-कश्मीर के उन बड़े नामों की सूची जो धारा-370 हटने के बाद से हैं हिरासत में
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटे हुए करीब 15 दिन हो चुके हैं और पिछले 15 दिनों से राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व मंत्री, विधायक और मेयर हिरासत में हैं। अभी तक केंद्र सरकार की तरफ से इस बारे में कुछ भी जानकारी नहीं दी गई है कि इन्हें कब रिहा किया जाएगा। पांच अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में लगे आर्टिकल 370 को हटाने वाला रि-ऑर्गनाइजेशन बिल 2019 पेश किया था। इस बिल के बाद राज्य को मिला विशेष दर्जा खत्म हो चुका है। बिल के बाद से ही एक पूर्व केंद्रीय मंत्री, सात पूर्व राज्य मंत्री, श्रीनगर के मेयर और डिप्टी मेयर के अलावा कुछ और लोग नजरबंद हैं। आइए आपको बताते हैं कि सरकार ने किन-किन लोगों को हिरासत में रखा हुआ है।
फारूक अब्दुल्ला
नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला तीन बार जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा वह केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। पांच अगस्त को जब सरकार की ओर से बिल लाया गया तो उसके अगले दिन वह मीडिया के सामने आए थे। फारूक ने केंद्र सरकार के फैसले पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। फारूक अब्दुल्ला की बहन और जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम रहे गुलाम मोहम्मद शाह की पत्नी खालिदा भी नजरबंद हैं। खालिदा, आवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस से जुड़ी हैं।
उमर अब्दुल्ला
उमर, जो फारूक अब्दुल्ला के बेटे हैं और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं, वह भी नजरबंद हैं। उमर, अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रह चुके हें। उमर साल 2008 से 2014 तक राज्य के मुख्यमंत्री थे। उमर के अलावा उनकी पार्टी के अब्दुल रहीम राठर और वेटरन लीडर मोहम्मद शफी को भी नजरबंद करके रखा गया है। राठर तो सात बार विधानसभा के लिए चुने गए हैं। वहीं शफी, उरी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उमर के राजनीतिक सलाहकार तनवीर सादिक भी नजरबंद हैं।
महबूबा मुफ्ती
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के मुखिया और राज्य की एक और सीएम रहीं, महबूबा भी इस समय नजरबंद हैं। महबूबा एक बार सांसद चुनी गईं तो वह तीन बार विधानसभा के लिए चुनी जा चुकी हैं। पीडीपी-बीजेपी सरकार में मंत्री रहे नईम अख्तर महबूबा के करीब माने जाते हैं, इस समय वह भी नजरबंद हैं।
सज्जाद लोन
सज्जाद लोन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैन थे और अक्सर उन्हें अपना बड़ा भाई कहते थे, फिलहाल वह भी नजरबंद हैं। एक अलगाववादी नेता से मुख्यधारा के नेता बने सज्जाद,पीपुल्स कॉन्फ्रेंस नामक पार्टी को चलाते हैं। राज्य में जब पीडीपी-बीजेपी की सरकार थी तो सज्जाद उसमें मंत्री भी थे। कुछ लोग तो उन्हें बीजेपी की तरफ से पेश किया जाने वाला मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी मानने लगे थे।
जुनैद मट्टू
जुनैद श्रीनगर के मेयर हैं और राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार उन्हें कश्मीर की राजनीति का नया चेहरा तक करार दिया था। जिस समय पीएम मोदी ने घाटी का दौरा किया था, उस समय मट्टू को आधिकारिक तौर पर उन्हें रिसीव करने का सम्मान दिया गया था। हाल ही में उन्हें बोन मैरो डिसॉर्डर का पता लगा है। जुनैद मट्टू के अलावा श्रीनगर के डिप्टी मेयर शेख इमरान भी नजरबंद हैं।
शाह फैसल
आईएएस से राजनीति में आए रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट शाह फैसल घाटी के पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने आईएएस की परीक्षा में टॉप किया था। फैसल, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट नामक पार्टी चलाते हैं। इस पार्टी की शुरुआत से पहले उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
वाहीद पारा
साल 2018 में जब पीडीपी-बीजेपी की सरकार की लोकप्रियता गिर रही थी तो पारा ने श्रीनगर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जो उस समय गृहमंत्री थे, उनके लिए एक स्पोर्ट्स शो का आयोजन किया था। उन्हें राजनाथ सिंह से काफी तारीफ भी मिली थी। पारा पीडीपी की युवा शाखा के मुखिया हैं। मीर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व विधायक हैं। मीर के अलावा कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और यूपीए-1 में मंत्री रहे सैफुद्दीन सोज भी नजरबंद हैं।
और कौन कौन अभी हिरासत में
इन सबके अलावा पूर्व राज्य मंत्री गुलाम हासन मीर, तीन बार के निर्दलीय विधायक हाकीम यासीन, सीपीएम के राज्य सचिव एमवाई तारीगामी, शिया नेता इमरान अंसारी, नेशनल कॉन्फ्रेंस के सीनियर लीडर मुबारक गुल, पीडीपी बीजेपी सरकार में जूनियर मिनिस्टर रहे मोहम्मद अशरफ मीर, पीडीपी के पूर्व विधायक और वकील एजाज मीर, पीडीपी के पूर्व विधायक नूर मोहम्मद भट, श्रीनगर में पीडीपी के मुखिया खुर्शीद आलम, साउथ कश्मीर से एनसी लीडर बाशीर वीरी, एनसी नेता सैयद अखून भी नजरबंद हैं।