राज्यसभा में श्रम सुधार से जुड़े तीन विधेयक ध्वनि मत से पारित, कोरोना के चलते वक्त से पहले खत्म हुआ सत्र
नई दिल्ली। कृषि बिलों को लेकर जारी विरोध के बीच आज राज्यसभा ने श्रम कानूनों पर तीन विधेयक पारित किए साथ ही कृषि बिलों को लेकर विपक्षी दलों के राष्ट्रपति से मुलाकात पर आपत्ति भी जताई। बता दें कि विपक्षी सांसदो के राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करने के बावजूद बुधवार को श्रम कानूनों से जुड़े तीन विधेयकों (राज्यसभा व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य की स्थिति कोड 2020, औद्योगिक संबंध कोड 2020 और सामाजिक सुरक्षा पर कोड, 2020) को पारित कर दिया गया है। बता दें कि लोकसभा में इन बिलों को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।
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इसी के साथ ही कोरोना वायरस के बढ़ते संकट के मद्देनजर आज राज्यसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही को निर्धारित समय से पहले ही खत्म कर दिया गया है। बता दें कि पहले राज्यसभा की कार्यवाही एक अक्टूबर तक चलने वाली थी। उधर, कृषि बिलों पर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन कर रहे सांसदों ने आज राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर कहा कि वे विपक्षी पार्टी के सांसदों की अनुपस्थिति में राज्यसभा में तीन श्रम संबंधी विधेयकों को पारित न करें। लेकिन कार्यवाही खत्म होने तक श्रम सुधार से जुड़े विधेयकों को पास कर दिया गया।
इस बीच राज्यसभा ने कृषि विधेयकों पर विपक्षी दलों के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के मुलाकात पर विरोध जाता है। दरअसल, आज शाम 5 बजे विपक्षी दलों को पांच नेता कृषि बिलों पर पुनर्विचार करने को लेकर राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात करेंगे। सूत्रों ने कहा कि केवल पांच विपक्षी नेताओं को कोविड -19 प्रोटोकॉल के कारण मिलने की अनुमति दी गई है। इससे पहले विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा था। गौरतलब है कि रविवार को दो कृषि विधेयक पास होने के एक दिन बाद विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अनुरोध किया था कि वह इन दोनों प्रस्तावित कानूनो पर हस्ताक्षर नहीं करें।
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