कृषि ऑर्डिनेंस के खिलाफ पंजाब भर के किसानों का 'ट्रैक्टर मार्च'
लुधियाना। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए ऑर्डिनेंस, तेल की बढी कीमतों और बिजली के संशोधन बिल-2020 के विरोध में विभिन्न संगठनों के बैनर तले हजारों किसानों ने सोमवार को लुधियाना में "ट्रैक्टर मार्च" निकाला। प्रदर्शन को कई राजनीतिक दलों का भी समर्थन था। हर जिले में भारी संख्या में किसानों ने जहां ट्रैक्टरों पर पहुंच विरोध जताया, वहीं अनूठी बात यह रही कि कोविड -19 के तहत सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का भी बाखूबी पालन हुआ।
किसान तीन अध्यादेशों -किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अध्यादेश, 2020 पर किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश, 2020 का विरोध कर रहे हैं। एक किसान सरबजीत सिंह ने कहा, हम सरकार द्वारा तीन अध्यादेशों का विरोध कर रहे हैं। हर किसान को नुकसान उठाना पड़ रहा है। सरकार कॉरपोरेट कंपनियों को मंडियों में व्यापार करने में मदद कर रही है और हम इसका विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बिल से कार्पोरेट घरानों को लाभ होगा। जिससे मंडी बोर्ड का पुरा ढांचा बिगड़ जाएगा और किसान और आढ़तियों को नुकसान होगा। केंद्र सरकार जो बिजली संशोधन बिल ला रही है, उसने भी किसानों की चिता बढ़ा दी है, क्योंकि किसानों या अन्य वर्ग को जो भी सब्सिडी मिल रही है, वह बंद हो जाएगी। किसान यूनियन इस बिल को कभी सहन नहीं करेगी और इसके खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा।
उन्होंने कैप्टन अमरिदर सिंह से मांग की है कि किसान संगठनों की बैठक करके ऑर्डिनेंस का विरोध किया जाए और इसे पंजाब में लागू ना होने दिया जाए। विरोध में शामिल हुए एक किसान ने कहा कि, जिस तरह से केंद्र न्यूनतम समर्थन मूल्य को बंद कर रहा है, किसानों को हार का सामना करना पड़ेगा। मंडियों के जरिए पंजाब सरकार को जो 40,000 करोड़ रुपये की कमाई होती है वह रुकेगी। किसान पहले से ही आत्महत्या कर रहे हैं।
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