भाजपा शासित इस राज्य में ही 10000 चौकीदारों को कई महीने से नहीं मिली सैलरी
नई दिल्ली। एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने होली की शाम को 25 लाख चौकीदारों को संबोधित किया था तो दूसरी तरफ कई ऐसे चौकीदार हैं जो एक अदद अपने वेतन का इंतजार कर रहे हैं। झारखंड के पालामऊ के साराडीह में रहने वाले 50 वर्षीय सुरेश पासवान का कहना है कि चौकीदार बनने का इनका फैसला जीवन का सबसे गलत फैसला था। पासवान को अक्टूबर 2018 से वेतन नहीं मिला है। तरहरी पुलिस स्टेशन के तहत 18 चौकीदार कर्ज के बोझ तले दबे हैं। उन्हें पिछले पांच महीने से वेतन नहीं मिला। सुरेश का कहना है कि हम सूदखोरी के शिकार हैं।
पासवान ने बताया कि पालामऊ में कुल 450 चौकीदार हैं, जिन्हें वेतन नहीं मिला है। ये चौकीदार गांव में पुलिस के कान और आंख की तरह काम करते हैं, उन्हें ग्राम चौकीदारी एक्ट 1870 के तहत तैनाती दी गई थी। इन चौकीदारों को वेतन झारखंड जिला प्रशासन की ओर से मिलती है। सुरेश का कहना है कि सौभाग्य से मेरे बेटों ने पढ़ाई की और वह डेयरी चलाते हैं, इसी वजह से हम जी पा रहे हैं लेकिन जीवन बहुत मुश्किल हो गया है। बता दें कि झारखंड के 24 जिलों में 10000 चौकीदार हैं, जिन्हें तीन से चार महीनों से सैलरी नहीं मिली है। कृष्ण दयाल जोकि झारखंड राज्य दफादार चौकीदार पंचायत के अध्यक्ष हैं उन्होंने बताया कि इन चौकीदारों को वेतन नहीं मिला है।
वहीं तरहरी पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर संजय कुमार का कहना है कि ये लोग गांववालों को जानते हैं और इसी वजह से हमे उनसे बात करने में आसानी होती है। कभी कभी उन्हें 24 घंटे काम करना पड़ता है। मुझे पता है कि हमारे पुलिस स्टेशन में तैनात चौकीदारों को अक्टूबर माह से वेतन नहीं मिला है। पिछले हफ्ते 20 चौकीदारों ने पुलिस स्टेशन के बाहर प्रदर्शन किया था। कृष्ण दयाल सिंह के बेटे का कहना है कि कुल 17500 चौकीदार के पद हैं, लेकिन सिर्फ 10000 भर्तियां ही की गई हैं। इन सभी को पांच महीने से वेतन नहीं मिला है। पीएम मोदी खुद को चौकीदार कहते हैं लेकिन वह हमारी मुश्किल को नहीं समझते हैं।
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