15 सूत्रीय मांगों के साथ हजारों किसान करेंगे दिल्ली का महाघेराव, 21 सितंबर को पहुंचेंगे राजधानी
किसानों और मजदूरों की समस्याओं को लेकर हजारों किसान सहारनपुर से दिल्ली के लिए पद यात्रा कर रहे हैं। ट्रैक्टर और ट्रॉली पर सवार और पैदल यात्रा करते हुए हजारों किसान दिल्ली आने वाले हैं। यह पदयात्रा भारतीय किसान संगठन के नेतृत्व में किया जा रहा है। यह पदयात्रा मंगलवार को मेरठ से रवाना हो चुकी है और आज यानी कि बुधवार को गाजियाबाद पहुंचेगी। इसके बाद हजारों किसान नोएडा के रास्ते से होते हुए आने वाले 21 सितंबर को दिल्ली पहुंचेंगे। दिल्ली पहुंचकर हजारों किसान अपनी 15 सूत्रीय मांग रखेंगे।
इन 15 सूत्रीय मांगों में किसानों की मांग है कि देश के सभी किसानों का कर्ज पूरी तरह से माफ हो, सिंचाई के लिए किसानों को मुफ्त बिजली मिले, किसानों और मजदूरों की शिक्षा और स्वास्थ्य मुफ्त हो, किसानों और मजदूरों को 60 साल के बाद पांच हजार रुपये पेंशन के तौर पर मिले, फसलों के दाम किसान प्रतिनिधियों की मौजूदगी में तय किए जाएं, खेती कर रहे किसानों की दुर्घटना में मृत्यु होने पर शहीद का दर्जा दिया जाए।
इसके अलावा किसानों ने यह भी मांग किया है कि किसान के साथ-साथ परिवार को दुर्घटना बीमा योजना का लाभ मिले, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट और एम्स की स्थापना हो, आवारा गोवंश पर हर एक गोपालक को तीन सौ रुपये हर रोज मिले, किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान ब्याज सहित जल्द किया जाए, सभी दूषित नदियों को प्रदूषण से मुक्त किया जाए, भारत में स्वामीनाथन आयोग कि रिपोर्ट लागू की जाए।
किसानों का कहना है कि गन्ना भुगतान न होने के कारण आर्थिक हालत इतनी खराब हो गई है कि बच्चों की फीस तक जमा नहीं हो पा रही है। दो वक्त की रोटी खानी भी मुश्किल हो गई है। वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों का यह भी कहना है कि सरकार के साथ-साथ विपक्ष भी किसानों को लेकर गंभीर नहीं है। और विपक्ष के निष्क्रिय होने पर ही किसानों को खेती छोड़ सड़क पर उतरना पड़ रहा है। किसानों का यह भी आरोप है कि न ही गन्ने का भुगतान हो रहा है और न ही दो साल से कीमत बढ़ाई गई है। इसके चलते किसान आर्थिक रूप से कमजोर हो गया है।
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