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वो 7 बिल, जो मोदी सरकार इस सत्र में पेश करेगी

भारी बहुमत से केंद्र की सत्ता में काबिज़ हुई मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में आर्थिक और अन्य क़ानूनी सुधारों को तेज़ी से लागू करने के संकेत दिए हैं. सोमवार से 17वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हुआ, जिसमें सरकार की ओर से कई विधेयक पेश किए जाने हैं. इनमें तीन तलाक़ से संबंधित बिल पर काफ़ी विवाद रहा है.

By BBC News हिन्दी
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संसद
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भारी बहुमत से केंद्र की सत्ता में काबिज़ हुई मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में आर्थिक और अन्य क़ानूनी सुधारों को तेज़ी से लागू करने के संकेत दिए हैं.

सोमवार से 17वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हुआ, जिसमें सरकार की ओर से कई विधेयक पेश किए जाने हैं.

इनमें तीन तलाक़ से संबंधित बिल पर काफ़ी विवाद रहा है, जबकि उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षक भर्ती का मुद्दा भी काफ़ी सुर्खियों में रहा है.

पिछले सप्ताह बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने 10 विधेयकों पर अपनी मुहर लगाई, जिन्हें इस सत्र में पेश किया जाना है. इनमें से अधिकांश विधेयक पहले के अध्यादेशों की जगह लेंगे.

आइए उन विधेयकों पर नज़र डालते हैं जो संसद के इस सत्र में पेश किए जाने हैं.

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1-श्रम क़ानून में संशोधन

मोदी सरकार इस सत्र में श्रम क़ानूनों में सुधार से जुड़ा महत्वपूर्ण विधेयक ला सकती है. इसे लेकर मंत्रालयों में कई अहम बैठकें भी हुई हैं. पिछले कार्यकाल में मोदी सरकार ने 44 श्रम क़ानूनों को ख़त्म कर उनकी जगह चार श्रम संहिताएं लाने का प्रस्ताव बनाया था. केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने पिछले हफ़्ते कहा था कि श्रम से संबंधित विधेयक को सत्र के दूसरे सप्ताह में पेश किए जाएगा.

2-आधार संशोधन बिल

पिछले सप्ताह कैबिनेट की बैठक में आधार एवं अन्य क़ानून (संशोधन) बिल 2019 को हरी झंडी दी गई थी. यह विधेयक मार्च 2019 में जारी अध्यादेश की जगह लेगा. इसमें आधार नियम के उल्लंघन पर भारी ज़ुर्माने का सुझाव है. इसके अलावा बैंक खाता खुलवाने और मोबाइल फ़ोन कनेक्शन लेने के लिए पहचान पत्र के रूप में आधार के इस्तेमाल को ऐच्छिक बनाने की इजाज़त दी गई है.

3-तीन तलाक़ बिल

पेश किए जाने वाले विधेयकों में तीन तलाक़ बिल प्रमुख है. मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) बिल के तहत तलाक़-ए-बिद्दत यानी तीन तलाक़ को दंडनीय अपराध बनाने का प्रस्ताव है. ये बिल पिछली सरकार में लाए गए अध्यादेश की जगह लेगा. पिछली सरकार में लोकसभा से ये बिल हो गया था, लेकिन राज्यसभा में अटक गया. बाद में सरकार ने अध्यादेश लाकर इसे लागू किया. ताज़ा बिल अध्यादेश की जगह लेगा.

मुस्लिम महिला
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मुस्लिम महिला

4-शिक्षकों की भर्ती से संबंधित बिल

इस विधेयक को भी केंद्रीय कैबिनेट से मंज़ूरी मिल चुकी है. मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से तैयार इस बिल के अनुसार, मौजूदा 7000 खाली पदों को नए आरक्षण सिस्टम के तहत सीधी भर्ती की इजाज़त दी जाएगी. ये विधेयक केंद्रीय सैक्षणिक संस्था (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) अध्यादेश 2019 की जगह लेगा.

पिछले दिनों कॉलेज-विश्वविद्यालयों में शिक्षक भर्ती के लिए आरक्षण का 200 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम हटाने पर काफ़ी हंगामा मचा था. इस विधेयक में इसे बहाल किया गया है.

5-मेडिकल काउंसिल संशोधन बिल

इंडियन मेडिकल काउंसिल संशोधन बिल को भी इसी सत्र में पेश किया जाएगा. ये विधेयक इंडियन मेडिकल काउंसिल (संशोधन) अध्यादेश की जगह लेगा.

इसके तहत दो साल तक इंडियन मेडिकल काउंसिल की निगरानी बोर्ड ऑफ़ गवर्नर करेंगे. इस अवधि में बोर्ड ऑफ़ गवर्नर मेडिकल शिक्षा की निगरानी करेंगे.

6-मोटर व्हीकल (संशोधन) बिल

पिछली सरकार में ये बिल लोकसभा में पास हो गया था. अप्रैल 2017 में इसे राज्यसभा में भी पेश कर दिया गया लेकिन वहां से इसे संसदीय समिति के हवाले कर दिया गया.

समिति के सुझावों के साथ राज्यसभा में इस पर चर्चा पूरी नहीं हो पाई और इसकी अवधि समाप्त हो गई थी.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि मौजूदा सत्र में इस बिल को संसद में पेश किया जा सकता है

7- जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल

इस विधेयक के तहत जम्मू, सांबा, कठुआ में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांववालों को 3 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया गया है. इससे पहले ये आरक्षण सिर्फ एलओसी से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों को ही मिलता था.

सरकार के मुताबिक़ इससे अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे 435 गांवों और साढ़े तीन लाख से अधिक लोगों को फायदा मिलेगा.

राजनाथ
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इसके अलावा डेंटिस्ट एक्ट 1948 संशोधन बिल 2019, न्यू डेल्ही इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (एनडीआईएसी) बिल, द एलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफ़ेशनल बिल और नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन बिल को भी इसी सत्र में पेश किए जाने की संभावना है.

माना जा रहा है कि मोदी सरकार इन विधेयकों को लोकसभा में आसानी से पास करा ले जाएगी क्योंकि 545 सदस्यों वाले निचले सदन में एनडीए के 353 सदस्य हैं.

लेकिन राज्यसभा में उसे आवश्यक बहुमत हासिल नहीं है. 245 सदस्यों वाली राज्यसभा में एनडीए के 102 सदस्य हैं.

संसद सत्र की शुरुआत नए सदस्यों के शपथग्रहण से होगी. 17 और 18 जून को लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी और 19 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 20 जून को सुबह 11 बजे संसद के केंद्रीय कक्ष में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे.

संसद में 4 जुलाई को आर्थिक सर्वे और 5 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा. सत्र का समापन 26 जुलाई को होगा.

BBC Hindi
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English summary
Those 7 bills, which the Modi government will present in this session
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