राष्ट्रपति भवन में नहीं होगा इफ्तार पार्टी का आयोजन, राष्ट्रपति कोविंद ने बताया ये कारण
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी आयोजित न करने का फैसला लिया है। लगभग 10 सालों के बाद ऐसा होगा कि राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं किया जाएगा।
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी आयोजित न करने का फैसला लिया है। लगभग 10 सालों के बाद ऐसा होगा कि राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं किया जाएगा। ये फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि राष्ट्रपति कोविंद का मानना है कि राष्ट्रपति भवन एक धर्मनिरपेक्ष राज्य का प्रतीक है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस खबर की पुष्टि कर दी है।
इसलिए नहीं आयोजित होगी इफ्तार पार्टी
लगभग 10 सालों बाद राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी के आयोजन को दोबारा रोका जा रहा है। खबर की पुष्टि करते हुए राष्ट्रपति के सेक्रेटरी अशोक मलिक ने कहा, 'राष्ट्रपति भवन एक धर्मनिरपेक्ष राज्य का प्रतीक है। धर्म और शासन के मामलों को अलग रखा जाना चाहिए। टैक्सपेयर्स के पैसे पर भवन में किसी भी धार्मिक कार्य की मेजबानी नहीं की जाएगी।' इससे पहले दिसंबर में राष्ट्रपति भवन में क्रिसमस कैरोल का भी आयोजन नहीं किया गया था।
राष्ट्रपति कलाम ने भी बंद करवाया था रिवाज
बता दें कि इससे पहले राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के कार्यकाल के दौरान भवन में इफ्तार पार्टी पर रोक लगाई गई थी। राष्ट्रपति कलाम के 2002 से 2007 तक के कार्यकाल के दौरान भवन में इफ्तार पार्ट पर रोक लगा दी गई थी। कलाम पार्टी पर खर्च होने वाले पैसों को गरीब और अनाथ लोगों में बांटते थे ताकि पाक महीने में गरीबों को खुशी मिल सके। उनके बाद प्रतिभा पाटिल के कार्यकाल के दौरान इफ्तार पार्टी का आयोजन फिर से होने लगा।
प्रतिभा पाटिल के कार्यकाल में फिर हुआ शुरू
प्रतिभा पाटिल के कार्यकाल में हर साल इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया है। इसके बाद जब प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति का पद संभाला तो ये सिलसिला चलता रहा। दोनों के कार्यकाल में क्रिसमस पर कैरोल सिंगिंग का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता था। बस साल 2008 में क्रिसमस के मौके पर तब राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने मुंबई आतंकी हमलों के कारण उसे रोक दिया था।
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