मध्य प्रदेश में ये मुस्लिम अफसर क्यों बदलना चाहता है अपना नाम?
नई दिल्ली- देश में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं से परेशान मध्य प्रदेश सरकार का एक मुस्लिम सरकारी अधिकारी अपना नाम बदलना चाहता है। कमलनाथ सरकार में तैनात वरिष्ठ अधिकारी नियाज खान ने शनिवार को सिलसिलेवार कई ट्वीट करके देश में मुस्लिमों के बीच पैदा हुई असुरक्षा की भावना को जाहिर करते हुए दावा किया है कि वे पिछले 6 महीने से अपना नाम बदलना चाहते हैं।
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नफरत से बचने के लिए बदलना चाहते हैं नाम
अपने ट्वीट में नियाज खान ने कहा है कि वे अपने मुस्लिम पहचान छिपाने के लिए 6 महीने से अपना नाम बदलना चाहते हैं, ताकि 'नफरत की तलवार से खुद को बचा सकें।' उन्होंने ये बताने की कोशिश की है कि, "नया नाम मुझे हिंसकर भीड़ से बचाएगा। अगर मैंने टोपी नहीं पहनी होगी, कुर्ता नहीं पहना होगा और दाढ़ी नहीं होगी, तो अपना फर्जी नाम बताकर भीड़ से बच सकता हूं। लेकिन, अगर मेरा भाई परंपरागत कपड़े पहना होगा और उसकी दाढ़ी होगी, तो वह बेहद खतरनाक स्थिति में पड़ जाएगा।"
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मुस्लिम अभिनेताओं को भी दी ये सलाह
हैरानी की बात है कि सरकारी महकमे में अहम जिम्मेदारी संभालने के बावजूद उन्होंने लिखा है कि,"कोई भी संस्था हमारी हिफाजत में सक्षम नहीं है, इसलिए बेहतर है कि अपना नाम ही बदल लें।" हद तो ये हो गई है कि उन्होंने बॉलीवुड के मुस्लिम अभिनेताओं को भी नाम बदलने की सलाह दे डाली है। उन्होंने लिखा है, "मेरे समुदाय के बॉलीवुड अभिनेता अपनी फिल्में बचाने के लिए अपने नए नाम की तलाश शुरू कर दें। अब तो टॉप स्टार्स की मूवीज भी फ्लॉप होनी शुरू हो चुकी हैं। उन्हें इसका मतलब समझना चाहिए।"
पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
इसी साल जनवरी में नियाज खान तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने सोशल मीडिया पर दावा किया था कि नौकरी में भेदभाव वाले व्यवहार के चलते वे कैसे खुद को अछूत महसूस करते हैं। वो पहले ये भी कह चुके हैं कि खान सरनेम भूत की तरह उनका पीछा करता है। जाहिर है कि एक सरकारी अधिकारी होते हुए, जिसपर इस तरह की परिस्थितियों को रोकने जिम्मेदारी होती है, ऐसा इल्जाम लगाकर सोशल मीडिया पर सार्वजनिक करना बहुत ही गंभीर मामला है। अब देखने वाली बात है कि नियाज खान के डर को मिटाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार क्या ऐक्शन लेती है।
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