कांग्रेस का ये बड़ा दांव मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार की वापसी में बनेगा बड़ा रोड़ा
नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस इस बार अपनी पूरी ताकत के साथ उतर रही है। कांग्रेस के लिए इन चुनावों में बेहतर प्रदर्शन न सिर्फ प्रदेश में उसके 15 साल के वनवास को खत्म कर सकता है बल्कि 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए भी उसकी जमीन को मजबूत करने का काम कर सकता है। मध्यप्रदेश में कांग्रेस तमाम समीकरणों पर विचार कर रणनीति बना रही है। प्रदेश को लेकर ही कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की छह से ज्यादा बैठकें हो चुकी हैं और अभी बैठकों का ये दौर जारी रहेगा। सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश को लेकर लगभग हर दिन बैठकें हो रही हैं। इस वक्त कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती मध्यप्रदेश ही है क्योंकि वहां बीजेपी के साथ लड़ाई कांटे की बताई जा रही है। जो पार्टी बेहतर तरीके से चुनाव लड़ेगी वो थोड़े ही अंतर से बाजी मार लेगी।
सूत्रों का कहना है की पार्टी के लिए इस बार मध्यप्रदेश में चुनाव जीतना सबसे बड़ी प्राथमिकता है और इस लक्ष्य को ही सामने रखते हुए पार्टी काम कर रही है। खबर है कि नेताओं को ये कह दिया गया है कि वो अपने-अपने समर्थकों के लिए टिकटों की मांग ना करे क्योंकि टिकटों के बंटवारे में जीत की योग्यता ही एकमात्र मानदंड होगा। कहा जा रहा है कि इसे लेकर पार्टी में एक राय है और सभी नेता इस पर राजी हैं।
बड़े नेता ठोकेंगे ताल
मध्यप्रदेश चुनावों को लेकर कांग्रेस ने एक और बड़ा फैसला लिया है। कहा जा रहा है कि पार्टी इन चुनावों में अपने बड़े नेताओं को भी मैदान में उतारेगी। पार्टी की रणनीति इन नेताओं को ऐसी सीटों से चुनाव लड़वाने की है जो पार्टी के लिए मुश्किल हैं ताकि इन नेताओं का कद और अनुभव पार्टी को वहां जीत दिला सके। पार्टी ये भी देख रही है कि इन नेताओं को मत्रियों के खिलाफ ना उतारा जाए क्योंकि इससे बीजेपी के मंत्रियों को इन नेताओं के पिछले किए काम के आधार पर फायदा मिल सकता है।
केंद्रीय चुनाव समिति का अंतिम फैसला
सूत्रों का कहना है कि पार्टी स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा किए गए काम के आधार पर ही मध्यप्रदेश को लेकर ज्यादातर फैसले लेगी और अगर किसी भी मुद्दे पर कोई विवाद होता है तो केंद्रीय चुनाव समिति उस पर निर्णय लेगी। चुनाव समिति के अध्यक्ष, पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी हैं और इसकी बैठक में सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह के अलावा तीन-चार अन्य सदस्य हिस्सा लेते हैं। बैठक के लिए प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह को भी बुलया जा सकता है। खबर है कि पार्टी की चुनाव समिति की बैठक 12 अक्टूबर हो होने वाली है और इसके बाद पार्टी चुनावों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी।
ये भी पढ़ें:- राफेल पर राहुल का बड़ा हमला, कहा- 'देश के प्रधानमंत्री भ्रष्ट हैं'