Karnatak: ये शख्स है कांग्रेस की कमजोर कड़ी, कभी भी पलट सकता है बाजी
बेंगलूरु। कर्नाटक में कांग्रेस के लिए आज बड़ा दिन है। जेडी-एस नेता एचडी कुमार स्वामी ने बुधवार को सीएम पद की शपथ ले ली। 2019 से पहले कांग्रेस कर्नाटक सीएम के शपथ ग्रहण को मोदी विरोधी खेमे के एकता दिवस के तौर पर सेलेब्रेट करना चाहती थी और काफी हद तक ऐसा करने में सफल भी रही। कर्नाटक में हार को जीत में बदलकर कांग्रेस ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बीजेपी के सामने कठिन चुनौती पेश कर दी है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि कर्नाटक में क्या सबकुछ वैसा ही होगा, जैसा कांग्रेस ने जेडी-एस के साथ मिलकर प्लान किया है? जवाब है- नहीं, बिल्कुल नहीं। दरअसल, कांग्रेस की कर्नाटक विजय में सबकुछ बेहद शानदार रहा, लेकिन सरकार गठन के बाद एक कमजोर कड़ी राहुल गांधी को परेशान करती रहेगी। आखिर क्या है वो कमजोरी? कांग्रेस की इस कमजोर कड़ी का नाम है- कुमारस्वामी। कर्नाटक के नए-नवेले सीएम कुमारस्वामी। यही वो शख्स है जो कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन सकता है।
कांग्रेस को अभी से तेवर दिखा रहे हैं कुमारस्वामी
कहते हैं 'पूत के पांव पालने में ही नजर जाते हैं'। कर्नाटक में कुमारस्वामी के मंत्रिमंडल गठन को लेकर जिस प्रकार से जेडी-एस ने कांग्रेस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है, उससे साफ है कि आने वाला समय कांग्रेस के लिए कर्नाटक में 'अच्छे दिन' लेकर नहीं आने वाला। कर्नाटक में अभी फ्लोर टेस्ट होना बाकी है और कुमारस्वामी पहले खुलेआम कह चुके हैं कि वह केवल अपने विधायकों की गारंटी लेंगे, अपने नेताओं को कैसे संभालना है, इसकी चिंता कांग्रेस खुद करे। कुमारस्वामी से डील करने में कांग्रेस अभी से असहज महसूस कर रही है। बहरहाल, फौरी फार्मूले पर कांग्रेस-जेडी-एस के बीच सहमति बन गई है। इसके तहत कुल 34 मंत्रियों में 22 कांग्रेस के रहेंगे, इनमें एक पद डिप्टी सीएम का भी है। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी समेत 12 मंत्री जेडीएस के रहेंगे। बहरहाल, कुमारस्वामी सीएम तो बन गए, लेकिन कुमारस्वामी आखिर कितने दिन तक निभाएंगे कांग्रेस के साथ दोस्ती? ये बड़ा सवाल है, क्योंकि कुमारस्वामी वो शख्स हैं, जिन्होंने सत्ता के लिए अपने पिता एचडी देवगौड़ा तक से बगावत कर डाली थी।
देवगौड़ा ने बेटे कुमारस्वामी के सीएम बनने से पहले बयां किया दर्द
एचडी देवगौड़ा ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में कहा कि बेटे के मुख्यमंत्री बनने और कांग्रेस के साथ जाने के फैसले से वह बेहद खुश हैं, गर्व महसूस कर रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके बेटे कुमारस्वामी ने 2008 में जो गलती की थी, उसे उन्होंने दोहराया नहीं। इंटरव्यू के दौरान पूछे गए सवाल पर देवगौड़ा ने कहा कि 2008 में बीजेपी के साथ कुमारस्वामी के गठबंधन के फैसले से वह नाराज थे। यही कारण था कि 2018 के चुनाव से पहले देवगौड़ा ने बेटे कुमारस्वामी को पहले ही साफ कर दिया था कि अगर वह चुनाव के बाद बीजेपी के साथ जाएंगे तो वह उनके साथ सारे रिश्ते खत्म कर देंगे। कुमारस्वामी ने 2008 में देवगौड़ा के मना करने के बाद भी बीजेपी से गठबंधन कर सरकार बना ली थी। इंटरव्यू में पूछे गए सवाल पर देवगौड़ा ने कहा, '2008 में कुमारस्वामी ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया, जिस पर मैंने आपत्ति जताई थी। उस गठबंधन ने कुमारस्वामी को भी सबक सिखाया, लेकिन अब मेरे बेटे ने खुद को पूरी तरह से शुद्ध कर लिया है। अब वह जान चुका है कि 2008 में उसके फैसले से मैं कितना दुखी हुआ था।'
कांग्रेस को पहले भी धोखा दे चुके हैं कुमारस्वामी
कुमारस्वामी का जन्म 1 दिसंबर 1959 में हुआ था। वह 2006 से 2007 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। राजनेता होने के साथ ही साथ कुमारस्वामी कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री में बतौर प्रोड्यूसर और डिस्ट्रीब्यूटर भी काम कर चुके हैं। उन्हें कुमारान्ना के नाम से भी बुलाया जाता है। कुमारस्वामी ने 2004 में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। लेकिन कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उन्होंने कांग्रेस का हाथ झटककर बीजेपी का दामन थाम लिया था। कुमारस्वामी बीजेपी के साथ भी ईमानदार रिश्ते नहीं रख पाए और 'सीएम रोटेशन' फार्मूला बनाने के बाद उससे मुकर गए थे।
कुमारस्वामी करते हैं टेप और सीडी पॉलिटिक्स में भरोसा
एचडी कुमारस्वामी कर्नाटक की राजनीति में सनीसनीखेज खुलासे करने के लिए भी जाने जाते हैं। वह कई बार विपक्षी दलों के ऑडियो और वीडियो रिलीज कर चुके हैं। कुमारस्वामी को इसी वजह से लोग एचडी की जगह सीडी कुमारस्वामी भी कहकर भी पुकारते हैं।
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