घाटी में टेरर फंडिंग के लिए की जा रही बड़ी कोशिश को एनआईए ने कुछ यूं किया खत्म
श्रीनगर। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को मंगलवार को बड़ी सफलता मिली है, उसके हाथ 36,34,78,500 करोड़ रुपए की पुरानी 500 और 1000 रुपए के नोट छापेमारी में लगे हैं। घाटी में चल रही आतंकी की फंडिंग की जांच के दौरान एनआईए को बड़ी मात्रा में बंद हो चुके नोट मिले हैं। इस मामले में एनआईए ने अभी तक कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। यहां दिलचस्प बात यह है कि एनआईए ने एक बीएमडब्ल्यु एक्स 3, क्रेटा एसएक्स, फोर्ड इको स्पोर्ट और बीएमसी एक्स 1 को भी जब्त किया है।
जांच के दौरान यह बात भी सामने आई है कि जो लोग आतंकियों और अलगवावादी नेताओं के संपर्क में थे उनके पास नोटबंदी के बाद भी बंद हो चुके नोट थे, उनके पास बड़ी संख्या में बंद हो चुके नोट हैं, ये लोग नोटबंदी के दौरान इन नोटों को बैंक में जमा कराने की फिराक में थे, हालांकि अपने इरादे में यह सफल नहीं हो सके। ऐसे लोगों पर एनआईए की नजर लंबे समय से थी, लंबे समय तक लगातार कोशिश के बाद एनआईए को इस पूरी साजिश का खुलासा करने में सफलता मिली, जब यह लोग इन पुराने नोटों को बदलने की कोशिश कर रहे थे। एनआईए ने इस गैंग के एक सदस्य को जय सिंह रोड जोकि नई दिल्ली के कनॉट प्लेस के पास है से गिरफ्तार किया है। इनके पास 28 कॉर्टन्स में बंद हो चुके नोट ते, इन लोगों के पास से चार बड़ी-बड़ी गाड़ियां भी बरामद की गई हैं।
शुरुआत में एनआईए ने इस मामले में कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया था और उन्हे पूछताछ के लिए एनआईए के हेडक्वार्टर लाया गया था। बंद हो चुके नोटों की कुल कीमत 36 हजार करोड़ रुपए से अधिक है जोकि इनके पास से बरामद की गई है। जिन लोगों को एनआईए ने गिरफ्तार किया है उनके नाम प्रदीप चौहान, भगवान सिंह, विनोद श्रीधर शेट्टी, शाहनवाज मीर, दीपकर टोपरानी, मजीद सोफी, एजाजुल हसन, उमर दर, जसविंदर सिंह।