इसको कांग्रेस ने शुरू किया पर बीजेपी खत्म करेगी, मध्य प्रदेश में भाजपा नेता ने ऐसा क्यों कहा
नई दिल्ली- दो दिन गुजर गए हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में पार्टी से बगवात करने वाले दो विधायकों पर कार्रवाई को लेकर पार्टी चुप है। नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने पार्टी को जोर का झटका दिया है, लेकिन पार्टी के रुख से लग रहा है कि वो फिलहाल इसे ज्यादा तूल देने की कोशिश नहीं करना चाहती। पर इसका मतलब ये भी कत्तई नहीं है कि पार्टी के अंदर कोई चिंगारी भड़की नहीं रही है। बताया तो यहां तक जा रहा है कि पार्टी ने कांग्रेस को उसी की चाल से मात देने का मन बना लिया है। लेकिन, पार्टी सही वक्त का इंतजार कर रही है।
बागियों पर कार्रवाई को लेकर चुप है पार्टी
ये सच है कि बीजेपी के दोनों बागी विधायकों नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने अभी औपचारिक रूप में बीजेपी छोड़ी नहीं है। मध्य प्रदेश बीजेपी नेतृत्व इसी बहाने इस मसले पर सीधा जवाब देने से बच रही है। मसलन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा है कि,"स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। विधायकों ने सरकार के पक्ष में वोट नहीं दिया था, बल्कि सिर्फ एक खास बिल का समर्थन किया था, जब बीजेपी ने उसपर वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। यह सारा ड्रामा कांग्रेस का ही कराया हुआ है, ताकि वह अपने अंदर की गुटबाजी पर पर्दा डाल सके।"
कांग्रेस के खिलाफ कुछ बड़ा सोच रही है बीजेपी!
बीजेपी भले ही दोनों बागी विधायकों पर कार्रवाई को लेकर जल्दबाजी में नहीं दिख रही, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वो चुप बैठी है। पार्टी धुरंधरों के दिमाग में एक से बढ़कर एक योजना बनने के संकते मिल रहे हैं। मसलन, राज्य के पूर्व संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा की बातों पर गौर करें तो साफ हो जाता है कि बीजेपी इस समय सिर्फ अपने जख्मों पर मरहम लगाने के मूड में है और कांग्रेस के खिलाफ कुछ बड़ा करने की सोच रही है। उन्होंने कहा है कि, "इसको कांग्रेस ने शुरू किया है पर हम खत्म करेंगे।" गौरतलब है कि शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने अबतक यही कहा है कि कांग्रेस सरकार अपने विरोधाभाषों के चलते ही गिरेगी, बीजेपी कमलनाथ सरकार को गिराने की कोशिश नहीं करेगी। लेकिन, सूत्रों की मानें तो कुछ बीजेपी नेता कांग्रेस के नाराज विधायकों से लेकर सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय और एसपी-बीएसपी विधायकों पर भी पकड़ बनाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। हालांकि, उन्हें इसके लिए पार्टी के बड़े नेताओं की ओर स इजाजत मिली भी नहीं है।
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'जख्मी सांप की तरह इंतजार में है बीजेपी'
बीजेपी में पक रही खिचड़ी की भनक कांग्रेस को भी है। कहा जा रहा है कि जिन कांग्रेसी विधायकों पर बीजेपी डोरे डालना चाहती है, ग्वालियर-चंबल और मालवा-निमाड़ के आदिवासी बहुल इलाकों से हो सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक कांग्रेस नेता ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि, "इस तरह का प्रयास हाल में गुरु पूर्णिमा उत्सव पर ही होने वाला था, लेकिन, बुधवार को विधानसभा में बीजेपी को जो अचानक झटका लगा, उसके चलते शायद वे अपनी योजना कुछ समय के लिए रोक दें। लेकिन, कुछ हफ्तों बाद वे नए उत्साह के साथ फिर से कोशिश जरूर करेंगे......" भिंड से बीएसपी विधायक संजीव सिंह ने भी ऐसी ही आशंका जताई है। उन्होंने कहा है कि, "इस समय, बीजेपी यहां घायल सांप की तरह हो गई है, जो अपनी पूरी ताकत से पलटवार करने का इंतजार कर रह रही है। मुझे लगता है कि कांग्रेस को अपने सहयोगियों को भूलकर, सबसे पहले अपनी पार्टी को एकजुट रखने पर ध्यान देना चाहिए।"
अलग दांव खेलने के चक्कर में है कांग्रेस
वैसे मध्य प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी के कई और विधायक उसके संपर्क में हैं। यह संख्या पांच से ज्यादा भी बताई जा रही है। कांग्रेसी सूत्रों के मुताबिक ये विधायक विंध्य, मालवा और सेंट्रल मध्य प्रदेश क्षेत्र के हैं, जो कांग्रेस का समर्थन करना चाहते हैं। एक कांग्रेसी नेता के मुताबिक, "जब समय आएगा तो यह संख्या आठ तक भी पहुंच सकती है।"