एचआर एग्जीक्यूटिव और डेंटिस्ट ने गैंग बनाकर कर डालीं 40 से ज्यादा वारदात
गाजियाबाद। एचआर एग्जीक्यूटिव की नौकरी चली गई तो उसने अपना गैंग बना लिया और लूटपाट-स्नैचिंग की वारदातों को अंजाम देने लगा। इस गैंग के चार लोग अब पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं। इनके पास से 6 मोबाइल फोन, 3 चाकू और 38,000 रुपए कैश बरामद किया गया है। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि गैंग के दो सदस्य काफी पढ़े-लिखे हैं। इनमें एक तो एमबीए करने के बाद एक बड़ी कंपनी में एचआर एग्जीक्यूटिव था और दूसरा डीडीएम करने के बाद डेंटल क्लीनिक चला रहा था।
जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए बदमाशों के नाम हैं- पवन, अनुराग तिवारी, विवेक और प्रशांत। पवन और अनुराग गैंग चला रहे थे। दोनों ने पुलिस को कई और गैंग के सदस्यों के नाम बताए हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। इस गैंग के लोग एक-दो नहीं बल्कि 40 से ज्यादा लूट और स्नैचिंग की वारदात को अंजाम दे चुके हैं।
पूछताछ में बदमाशों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने 28 अगस्त, 1 सितंबर और 14 सितंबर को भी लूट की वारदात की थी। लूट के माल से ये लोग जमकर शॉपिंग करते थे और खूब पार्टी उड़ाया करते थे। पुलिस का कहना है कि पवन और अनुराग के महंगे शौक उन्हें अपराध की दुनिया में ले आए। अनुराग एक कार कंपनी में एचआर एग्जीक्यूटिव था। 2017 में उसकी नौकरी छूट गई थी, जब काफी प्रयासों के बाद भी उसे नई नौकरी नहीं मिली तो उसे शौक पूरे करने में दिक्कत होने लगी।
नौकरी न मिलने से परेशान अनुराग की डेंटल क्लीनिक चलाने वाले पवन से मुलाकात हुई। पवन भी कुछ खास कमाई नहीं कर पा रहा था। ऐसे में दोनों ने गैंग बनाकर लूट और स्नैचिंग की वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया। पवन की उम्र 26 साल है, जबकि अनुराग तिवारी की 27 साल का है।
पुलिस के मुताबिक, पवन खोड़ा कॉलोनी में डेंटल क्लीनिक चला रहा था, जबकि अनुराग तिवारी दिल्ली के गाजीपुर का रहने वाला है। विवेक खोड़ा कॉलोनी का रहने वाला है, जबकि प्रशांत दिल्ली के गोकुल पुरी का है।