मुंबई के 5 सितारा होटलों में विधायकों को ठहराने के पीछे है शिवसेना के इस 'दोस्त' का हाथ
नई दिल्ली- पिछले कई हफ्तों से शिवसेना के विधायकों को मुंबई के अलग-अलग पांच सितारा होटलों में ठहराया जा रहा है। अब तो एनसीपी और कांग्रेस के विधायक भी मुंबई के ही आलीशान होटलों में ही रखे जा रहे हैं। अलबत्ता उनका ठिकाना बार-बार बदला जा रहा है। दरअसल, इन सबके पीछे है उस संगठन का हाथ है, जिससे शिवसेना का खास दोस्ताना रहा है। भारतीय कामगार सेना, ये वह संगठन है जिनके सदस्यों का ही मुंबई के अधिकतर 5 स्टार स्टाफ यूनियनों पर कब्जा है और भारतीय कामगार सेना के अधिकतर सदस्य शिवसेना के ही जमीनी स्तर के कार्यकर्ता हैं।
5 स्टार होटलों के स्टाफ शिवसेना के खास
आप ये जानकर चौंक जाएंगे कि महा विकास अघाड़ी खासकर शिवसेना के 56 विधायकों का मुंबई के अलग-अलग 5 स्टार होटलों में घुमाने के पीछे शिवसेना के एक बेहद करीबी संगठन का हाथ है, जिसके बारे शायद बहुत कम ही लोगों को पता होगा। शिवसेना को उसके इस काम में सबसे ज्यादा मदद पार्टी के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं से मिल रही है, जो कि भारतीय कामगार सेना नाम के संगठन से जुड़े हुए हैं। मुंबई के बड़े और आलीशान होटलों में भारतीय कामगार सेना की ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मायानगरी के 5 स्टार होटलों में जो स्टाफ यूनियनें सबसे ज्यादा सक्रिय हैं, उनमें से करीब 95% पर इसी सेना का दबदबा है। जानकारी के मुताबिक खुद शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ही भारतीय कामगार सेना के मुख्य सलाहकार भी हैं। मुंबई के जिन 5 स्टार होटलों में इस संगठन की यूनिट मौजूद हैं, उनमें होटल ग्रैंड हयात, रिनेसां होटल और सोफिटेल भी शामिल हैं।
विधायकों पर पल-पल रखी जा रही है नजर
महाराष्ट्र में सत्ता हासिल करने के लिए पिछले महीने भर से जो सियासी ड्रामा चल रहा है, उसके चलते बीजेपी के अलावा बाकी सभी पार्टियों के विधायकों के साथ लुका-छिपी का खेल खेला जा रहा है। लेकिन, जबसे देवेंद्र फडणवीस की सरकार अचानक अस्तित्व में आई है, यह ड्रामा और तेज हो गया है। बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के चलते विधायकों को अपने पाले में बनाए रखने के लिए आलीशान बसों में भर-भर कर मुंबई के इस 5 स्टार होटल से लेकर उस 5 स्टार होटलों का चक्कर लगाया जा रहा है। शिवसेना अपने विधायकों को होटल ललित से लेमन ट्री ले गई। एनसीपी को अपने नव-निर्वाचित विधायकों को होटल ग्रैंड हयात से रिनेसां होटल में शिफ्ट करना पड़ा। जबकि, कांग्रेस ने अपने विधायकों को जेडब्ल्यू मैरियट में ठहरा रखा है। लेकिन, सभी पार्टियों के नेता निश्चिंत हैं, क्योंकि शिवसेना के जमीनी स्तर के लोग चौबीसों घंटे उनकी मूवमेंट पर नजर रखने के लिए होटलों में मौजूद हैं।
शपथग्रहण में शामिल होने वाले विधायकों पर कड़ी नजर
यहां ये बता देना जरूरी है कि अजित पवार के शपथग्रहण में शामिल होने वाले अपने करीब 15 विधायकों को एनसीपी ने अलग से सोफिटेल होटल में ठहरा रखा है। जानकारी के मुताबिक होटल के स्टाफ (भारतीय कामगार सेना के लोग) सभी विधायकों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए दिन में तीन बार उनका हस्ताक्षर करवाते हैं। यही नहीं हर दो घंटे में तसल्ली करते हैं कि वे अपने रूम में हैं या नहीं या फिर हैं तो किस तरह की गतिविधियों में शामिल हैं। खबरों के मुताबिक जब कभी भी उन्हें विधायकों की हरकतें असमान्य नजर आती हैं तो वह पार्टी नेताओं को इसकी सूचना भी पहुंचाते हैं।
होटल बदलने पर शिवसेना की अपनी दलील
बार-बार होटल बदले जाने को लेकर पार्टियों की अपनी दलीलें हैं। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत की मानें तो उन्हें मजबूरी में ऐसा करना पड़ रहा है। क्योंकि, होटलों के कमरों की पहले से बुकिंग तय होने की वजह से उन्हें उन जगहों पर शिफ्ट कराना पड़ता है, जहां ज्यादा कमरे खाली होते हैं। यही वजह है कि कोई भी होटल में दो दिन से ज्यादा के लिए रूम मिल पाना मुश्किल हो रहा है। शादियों की वजह से भी दिक्कत आ रही है। उधर कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने आरोप लगाया था कि बीजेपी के नेता होटलों में अपने लिए रूम बुक कराकर भी उनके विधायकों से संपर्क करने की कोशिश कर चुके हैं।