रहें सावधान! मुंबई से दिल्ली पहुंची यह घातक बीमारी, कोरोना पॉजिटिव बच्चों को बनाता है यह शिकार!
नई दिल्ली। आमतौर पर कोरोनावायरस प़ॉजिटिव बच्चों में पाई जाने वाले कावासाकी नामक बीमारी के मामले मुंबई के बाद अब दिल्ली में भी सामने आने शुरू हो गए हैं। दिल्ली में कोरोना संक्रमित बच्चों में कावासाकी जैसे लक्षण रिपोर्ट हुए हैं। बच्चों में पाई जाने वाली यह बीमारी इटली, चीन, अमेरिका, इंग्लैंड जैसे देशों में रिपोर्ट हुए थे और पिछले दिनों मुंबई में कुछ कोरोना पॉजिटिव बच्चों इसके लक्षण देखे गए थे।
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बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में ऐसे लक्षणों वाले दो बच्चे एडमिट हैं
दिल्ली के बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में ऐसे लक्षणों वाले दो बच्चे एडमिट हैं, जिनमें कोरोनावायरस का एंटीबॉडी पाया गया है। दोनों बीमार बच्चों में से एक की उम्र 13 वर्ष और दूसरे की 9 वर्ष बताई जा रही है। वहीं, गंगाराम अस्पताल में भी ऐसा ही मामला दर्ज किया गया है।
इलाज के बाद एक बच्चे को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई
बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की चाइल्ड क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉक्टर रचना शर्मा ने बताया कि इलाज के बाद एक बच्चे को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि दूसरे बच्चे गुरुवार को गंभीर हालत में एडमिट किया गया है।
कोरोना पॉजिटिव बच्चे कावासाकी बीमारी की तरह व्यवहार कर रहे हैं
ज्यादातर मामले में कोरोना का असर बच्चों में नहीं होता है। अगर किसी में इंफेक्शन होता भी है, तो उसमें लक्षण नहीं आते हैं, लेकिन अब देश में कई ऐसे मामले देखे जा रहे हैं, जो कावासाकी बीमारी की तरह व्यवहार कर रहे हैं।
एक 13 वर्षीय का बच्चा हाई ग्रेड फीवर की वजह से एडमिट हुआ था
डॉक्टर रचना ने बताया कि एक 13 वर्षीय का बच्चा हाई ग्रेड फीवर की वजह से एडमिट हुआ था, जिसमें रैसेज की समस्या दिखी थी। जांच के दौरान बच्चा कोरोना पॉजिटिव पाया गया, जिसका फीवर लगातार बढ़ रहा था। साथ ही उसे पेट में दर्द की शिकाय के साथ उल्टियां भी हो रही थीं।
सभी जरूरी टेस्ट के दौरान बच्चा नॉर्मल था फिर हालत खराब होने लगी
डाक्टर रचना ने बताया कि सभी जांच के बाद बच्चा नॉर्मल विहेब कर रहा था, लेकि फिर अचानक उसकी स्थिति खराब होने लगी और उसका ब्लड प्रेशर कम होने लगा और उसके हाथ-पैर ठंडे हो गए। ईको किया गया, तो उसके हार्ट फंक्शन में काफी गिरावट देखी गई। उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखना पड़ा।
एक और 9 साल का बच्चा एडमिट हुआ, जिसमें ऐसे ही लक्षण थे
डाक्टर के मुताबिक दवा देने के बाद और फिर उनकी सेहत में सुधार हुआ। बच्चे को इम्यून थेरेपी भी दी गई। 10 दिन बाद उसे छुट्टी दी गई। एक और 9 साल का बच्चा एडमिट हुआ, जिसमें ऐसे ही लक्षण थे। वह बच्चा पहले कभी कोविड का शिकार हो चुका था।
कोरोना पॉजिटिव बच्चों में कावासाकी लक्षण सामने आ रहे हैं
सर गंगाराम अस्पताल के पीडिएट्रिक्स विभाग के डॉक्टर अनिल सचदेवा ने बताया कि पूरी दुनिया में कोरोना पॉजिटिव बच्चों में कावासाकी के लक्षण सामने आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिका से लेकर चीन तक में हर जगह यह देखा जा रहा है।
सर गंगाराम अस्पताल में गुरूवार को 6 वर्ष का बच्चा एडमिट हुआ
अनिल सचदेवा ने कहा कि गुरुवार को ही एक छह साल का बच्चा एडमिट हुआ है। उसे छह सात दिनों से फीवर था। पेट में दर्द, बीपी बहुत कम की स्थिति में एडमिट किया गया था।
बच्चों का कोरोना RTPCR निगेटिव आया था, लेकिन एंटीबॉडी पॉजिटिव था
डाक्टर सचेदवा ने बताया कि गुरूवार को एडमिट बच्चे का कोरोना आरटीपीसीआर निगेटिव आया था, लेकिन एंटीबॉडी पॉजिटिव मिला। उसे आईसीयू में एडमिट करना पड़ा, वेंटिलेटर सपोर्ट दिया गया, अभी कुछ सुधार है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में कोविड पीड़ित बच्चे कावासाकी जैसे लक्षण के साथ बीमार हो रहे हैं। अमेरिका से लेकर चीन तक हर जगह यह देखा जा रहा है।
बच्चों में कावासाकी रोग क्यूं होता है, किसी को पता नहीं है
डॉक्टर अनिल सचदेव ने बताया कि कावासाकी क्यूं होता है, किसी को पता नहीं है। न ही इसका कोई डायग्नोस्टिक टेस्ट है, लेकिन डायग्नोस्टिक क्राइटेरिया के आधार पर इस बीमारी की पहचान की जाती है। आमतौर पर बच्चे में हाई ग्रेड फीवर, आंख लाल, गर्दन के पास गांठ, बॉडी में रैशेज बनना, पेट में दर्द, वोमेटिंग, मुंह स्टॉबेरी की तरह लाल हो जाना जैसे लक्षण कावासाकी की पहचान होते हैं।
कावासाकी बीमारी में बच्चों के ब्लड वेसेल्स में सूजन आ जाती है
डॉक्टर रचना ने बताया कि कावासाकी बीमारी में बच्चों के ब्लड वेसेल्स में सूजन आ जाती है। साथ में बच्चे का पाचन की क्षमता भी खराब हो जाती है। बीपी नीचे चला जाता है, इसलिए जरूरी है कि ऐसे लक्षण वाले बच्चे को समय पर इलाज मिले।