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पल-पल मौत के करीब जा रही है ये 14 महीने की मासूम बच्ची, पैसों की वजह से लाचार हैं मां-बाप

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नई दिल्ली। 14 महीने की श्रद्धा लंबे वक्त से बीमार है। इसके दिल में छेद है, ह्दय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि ये एक सेप्टल दोष है, जो कि इसके जन्म के दो महीने बाद पहचान में आया है। जो डाक्टर्स इसे देख रहे हैं, उनका कहना है कि ये ओपन हार्ट सर्जरी के जरिए ठीक हो सकती है, जो कि तुरंत करने की जरूरत है। इसलिए बच्ची के परिवार वालों ने निर्णय लिया कि वो बच्ची का इलाज तत्काल प्रभाव से करवाएंगे और इसलिए उन्होंने उसे तुरंत दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया, ये जानते हुए भी इसका खर्चा बहुत आएगा। हर पल दर्द से के साए में जी रही है ये 14 महीने की बच्ची

श्रद्धा के पिता सुबन्त राउत, कार्पोरेट हाउस में कार ड्राइवर हैं

श्रद्धा के पिता सुबन्त राउत, कार्पोरेट हाउस में कार ड्राइवर हैं

श्रद्धा के पिता सुबन्त राउत, कार्पोरेट हाउस में कार ड्राइवर हैं और 9 से 10 हजार रुपए महीना कमाते हैं, इसी जीविका में वो घर का किराया भरते हैं, परिवार का पूरा खर्चा उठाते हैं, खाने की व्यवस्था करते हैं और अपनी बच्ची का इलाज करवाते हैं। सुबन्त की पत्नी और श्रद्धा की मां एक गृहणी हैं, वो घर से बाहर काम नहीं कर सकती हैं क्योंकि उन्हें अपनी बीमार बेटी की दिन-रात देखभाल करनी होती है।

श्रद्धा को भी जीने का हक है....

सर्जरी के लिए 5 लाख रुपए तुरंत चाहिए

सर्जरी के लिए 5 लाख रुपए तुरंत चाहिए

इस परिवार को सर्जरी के लिए 5 लाख रुपए तुरंत चाहिए। इसके अलावा इन्हें अस्पताल का खर्चा, बच्ची की दवाई और डॉक्टरों की फीस भरने के लिए पैसों की जरूरत है। इन समस्याओं से पूरा परिवार दिन-रात पिछले एक साल से जूझ रहा है और ऐसी ही हालत, भारत के हर उन लोगों की है, जिनकी आमदनी काफी कम है और उनके परिवार का कोई व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी की चपेट में है।

क्या गरीब होना गुनाह है

बच्ची के इलाज का का खर्चा उठा पाने में नाकाम हैं

बच्ची के इलाज का का खर्चा उठा पाने में नाकाम हैं

श्रद्धा के माता-पिता ने अपनी संपत्ति को गिरवी भी रख दिया लेकिन वो अस्पताल का खर्चा नहीं उठा पाए, फीस ना दे पाने के कारण बच्ची को अपोलो अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया, श्रद्धा का परिवार अस्पताल और बच्ची के इलाज का का खर्चा उठा पाने में नाकाम है। इसके बाद श्रद्धा को बहुत सारे स्वास्थ्य केंद्रों मे दिखाया गया और हर बार उसके मां-बाप को उम्मीद जगी कि उनकी बेटी की सर्जरी हो जाएगी और वो किसी ना किसी तरह बेटी के इलाज का खर्चा वहन कर लेंगे लेकिन हर बार उनके हाथ नाउम्मीदी ही लगी। फिलहाल श्रद्धा अपने घर पर है और दिन-रात दर्द से जूझ रही है, उसके हृदय का संक्रमण फेफड़ों को भी नुकसान पहुंचा सकता है, उसकी हालत काफी गंभीर है।

 मेरी बच्ची मेरी आंखों के सामने ही मुझसे धीरे-धीरे दूर हो रही है...

मेरी बच्ची मेरी आंखों के सामने ही मुझसे धीरे-धीरे दूर हो रही है...

सुबन्त राउत ने कहा कि मेरी बच्ची मेरी आंखों के सामने ही मुझसे धीरे-धीरे दूर हो रही है, मैं एक पिता के तौर पर अपने आपको असहाय महसूस कर रहा हूं क्योंकि मैं उसके इलाज के लिए 5 लाख रुपयों का इंतजाम नहीं कर पा रहा हूं, क्योंकि मैं इतने कम वक्त में इतने पैसे नहीं कमा सकता हूं। अगर आप श्रद्धा के इलाज के लिए सुबन्त की मदद करना चाहते हैं तो आप सहयोग कीजिए और इस स्टोरी को फेसबुक और व्हाटसअप पर अपने दोस्तों और करीबी साथियों के साथ साझा कीजिए और इस लिंक पर क्लिक कीजिए...

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English summary
Shradha is fourteen months old and has been sick for a long time. The hole in her heart, what cardiac experts call a septal defect, was diagnosed two months after her birth.
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