बजट सेशन में इसबार टूटे कई रिकॉर्ड, दो दशकों में सबसे कामयाब सत्र, आंकड़ों से समझिए
नई दिल्ली- मंगलवार को खत्म हुए संसद के बजट सत्र को दशकों बाद सबसे कामयाब सत्र बताया जा रहा है। यह पिछले 20 साल का सबसे व्यस्त सत्र रहा है, जिसमें दोनों सदनों ने लगभग आधा समय विधायी कार्यों को दिया और 30 विधेयक पास किए गए। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले सत्र की कामयाबी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें जितने बिल पास हुए हैं, वो पिछली सरकार के दौरान पिछले सात सत्र में पास हो पाए थे।
लोकसभा में टूटा दो दशक का रिकॉर्ड
पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के आंकड़ों के मुताबिक बीते बजट सत्र में लोकसभा ने काम करने के घंटों के मामले में अपना 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। लोकसभा की कार्यवाही कुल 281 घंटे चली है, जो कि निर्धारित समय का 135% है। 2000 के बाद से इतने ज्यादा समय तक लोकसभा की कार्यवाही कभी नहीं चली है। पिछले 20 वर्षों में लोकसभा में तय काम का सिर्फ 80% ही काम हुआ था। इस सत्र में लोकसभा के लिए 37 बैठकें तय की गई थीं और सभी 37 बैठकें संपन्न हुईं। इस दौरान कुल 42 विधेयक पास कराए जाने की योजना थी, जिनमें से 30 विधेयक पास हुए। लोकसभा का ये सत्र 17 जून को शुरू हुआ था और 6 अगस्त को समाप्त हुआ।
राज्यसभा में 17 साल का रिकॉर्ड टूटा
राज्यसभा का सत्र लोकसभा से तीन दिन बाद यानि 20 जून से शुरू हुआ था और 7 अगस्त को खत्म हुआ। इस दौरान सदन में काम के घंटों के मामले में 104% काम हुआ, जिसने 17 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस सदन में निर्धारित समय से 28 घंटे ज्यादा काम हुए। राज्यसभा के लिए 35 बैठकें निर्धारित थीं और 35 ही बैठकें हुईं। इस सदन में 40 बिल पेश हुए और 40 बिल पेश करने की ही योजना थी। लोकसभा ने जहां अपना 46% समय विधायी कार्यों के निपटारे में लगाया, वहीं राज्यसभा में 52% समय विधायी कार्यों पर खर्च हुए। अलबत्ता लोकसभा में सवाल पूछने पर ज्यादा वक्त दिया गया।
ये सारे अहम बिल पास
एक बड़ी खास बात ये रही कि जितने भी महत्वपूर्ण विधेयक इस सत्र में पास हुए हैं, वे सत्र के आखिरी दिनों में किए गए हैं। मसलन, लोकसभा की कार्यवाही 17 जून से शुरू हो चुकी थी, लेकिन आरटीआई बिल 25 जुलाई को पास किया गया। फिर 31 जुलाई को तीन तलाक के खिलाफ कानून पास हुआ। इसके बाद यूएपीए, मोटर व्हिकल विधेयक और नेशनल मेडिकल कमीशन बिल पास हुआ; और सबसे अंत में 6 अगस्त को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पास किया गया। इस बिल के पास होने के साथ ही लोकसभा के सत्र को एक दिन पहले ही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा को निर्धारित वक्त से एक दिन पहले खत्म करने की घोषणा करते हुए स्पीकर ने इस बजट सत्र को '1952 के बाद से सबसे प्रोडक्टिव' बताया। एक बात और खास है कि इसबार बजट सत्र में पेश हुआ कोई भी बिल किसी समिति में नहीं भेजा गया है।