नरेश कुमार: खतरनाक 50 आतंकियों को कर चुके हैं ढेर, बहादुरी के लिए पुलिस मेडल से नवाजे गए योद्धा की कहानी
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर की पहरेदारी में लगी सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) देश की एक अहम पैरामिलिट्री फोर्स है। इस फोर्स में बतौर असिस्टेंट कमांडेंट अपनी सेवाएं दे रहे नरेश कुमार को गणतंत्र दिवस के मौके पर वीरता के लिए पुलिस मेडल यानी पुलिस मेडल फॉर गैलेंट्री (पीएमजी) से सम्मानित किया गया है। 34 साल के नरेश कुमार सीआरपीएफ के वह योद्धा हैं जिन्होंने जम्मू कश्मीर में अपनी राइफल के दम पर 50 आतंकियों का सफाया किया है।
घाटी में बिताए पांच साल
सीआरपीएफ के इस ऑफिसर ने न्यूज एजेंसी एएनआई को एक खास इंटरव्यू दिया। उन्होंने बताया, 'मुझे इस वर्ष साल 2018 में हुए एक ऑपरेशन की वजह से पीएमजी से पुरस्कृत किया जाएगा जिसे छतरबल इलाके में अंजाम दिया गया था।' उन्होंन बताया कि इस ऑपरेशन में लश्कर-ए-तैयबा के टॉप आतंकी शौकत अहमद छाक को ढेर किया गया था जो कि घाटी का मोस्ट वॉन्टेड आतंकी था। कुमार ने बताया कि उन्होंने जम्मू कश्मीर में पांच साल बताए हैं। उन्होंने इंडियन आर्मी और जम्मू कश्मीर पुलिस को भी धन्यवाद कहा है जिसकी वजह से सीआरपीएफ ने घाटी में कई आतंकियों का सफाया करने में सफलता हासिल की है। असिस्टेंट कमांडेंट नरेश कुमार ने बताया कि जो भी ऑपरेशन उन्होंने किए हैं उनकी गिनती करना तो काफी मुश्किल है। मगर उनकी टीम ने घाटी में करीब 50 आतंकियों को मौत के घाट उतारा है।
पत्नी भी CRPF में और पिता सेना से रिटायर
उन्होंने कहा, 'इनमें से कई जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन के टॉप आतंकी थे।' नरेश कुमार ने इस मौके पर उन्हें पहली बार मिले पीएमजी की भी कुछ यादों को साझा किया। उन्होंने बताया कि पहली बार साल 2017 में उन्हें यह सम्मान मिला था। असिस्टेंट कमांडेंट नरेश कुमार के शब्दों में, 'मैंने अपना पहला पीएमजी साल 2017 में हासिल किया गथा जो कि श्रीनगर में साल 2016 में हुए एक ऑपरेशन के लिए मिला था।' उनकी पत्नी शीतल रावत भी सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट हैं और कश्मीर में पोस्टेड हैं। उनके पिता इंडियन आर्मी से रिटायर हैं।
NSA डोवाल ने भी की तारीफ
उन्होंने आगे कहा, 'हमने दो विदेशी आतंकियों को मारा था। इसी तरह से साल 2018 में दो पीएमजी मिले जो हिजबुल के कमांडर्स को मारने के लिए मिला था।' उन्होंने बताया कि उन्हें दो पीएमजी मिले हैं जिसमें से एक गणतंत्र दिवस और एक स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हासिल हुए। ऑफिसर ने बताया कि उन्हें नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (एनएसए) अजित डोवाल से भी उस समय तारीफ मिली जब उन्होंने लश्कर के आतंकी अहमद टाक को ढेर कर दिया था। असिस्टेंट कमांडेंट नरेश कुमार को 11 डीजी सीआरपीएफ कमांडेशन डिस्क, दो जम्मू कश्मीर पुलिस मेडल्स और बहुत से मौकों पर एनआईए की तरफ से भी प्रशंसा हासिल हुई है।
CRPF को इस बार सबसे ज्यादा पुरस्कार
कुमार हाल ही में कश्मीर से बाहर पोस्टिंग पर तैनाती के लिए भेजे गए हैं। इस वर्ष सीआरपीएफ को जम्मू कश्मीर पुलिस के बाद सबसे ज्यादा 76 वीरता पुरस्कार हासिल हुए हैं। राज्य पुलिस को 108 मेडल्स मिले हैं। सीआरपीएफ के डीजी डॉक्टर एपी माहेश्वरी ने सभी पदक विजेताओं और उनके परिवार को शुभकामनाएं दी हैं। साथ ही शहीदों के परिवार वालों को श्रद्धापूर्वक नमन किया है। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ उन जांबाजों का शुक्रिया अदा करती है जिनकी बदौलत सीआरपीएफ का नाम ऊंचाईयां छू रहा है।