India-China: कोर कमांडर मीटिंग में ले. जनरल हरिंदर सिंह ने ठुकराया 3 किमी पीछे जाने का चीनी फॉर्मूला
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच युद्ध के हालात बने हुए हैं और इस टकराव को खत्म करने के लिए मंगलवार को भारत और चीन के बीच कोर कमांडर वार्ता जारी है। भारत और चीन के बीच तनाव को खत्म करने के लिए लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर यह ऐसी तीसरी मीटिंग है। रात 12:30 बजे तक मीटिंग जारी थी और सूत्रों के मुताबिक दोनों ही देशों की सेनाएं किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी थी। इस मीटिंग का मकसद दोनों तरफ से डिएस्केलशन के नियमों का निर्धारण करना था। लेकिन भारत और चीन के कमांडर के बीच रजामंदी नहीं बन सकी।
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12 घंटे से ज्यादा चली मीटिंग
मंगलवार को मीटिंग लेह के तहत आने वाले चुशुल में बॉर्डर पर्सनल प्वाइंट (बीपीएम) पर हुई थी। सेना सूत्रों के मुताबिक मीटिंग में भारत के प्रतिनिधि 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने चीन की साउथ शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रीक्ट के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन के सामने पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) की आक्रामकता पर चिंता जताई। वह इस बात पर चिंतित थे कि चीन ने क्षेत्र में कई इलाकों पर अपना दावा पेश कर दिया है। ले. जनरल हरिंदर सिंह ने मांग की यहां पर यथास्थिति बहाल की जाए और साथ ही चीनी सेना तुरंत गलवान घाटी, पैगोंग त्सो और कई दूसरे इलाकों से वापस पीछे हटे। दोनों के बीच बातचीत मंगलवार सुबह 11 बजे शुरू हुई थी और रात करीब 1 बजे तक जारी थी। सूत्रों की तरफ से जानकारी दी गई है कि भारत ने चीन से यह भी कहा है कि वह सीमा विवाद को सुलझाने के लिए हुए समझौतों में नियमों का पालन करे।
फिंगर 8 तक का इलाका भारत का
कहा जा रहा है कि चीन के मेजर जनरल लियू लिन ने कहा था कि दोनों देशों की सेनाएं अहम इलाकों से दो से तीन किलोमीटर तक पीछे हट जाएं। लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह पैगोंग त्सो और फिंगर 4 पर चीन के इस प्रस्ताव को मानने के लिए तैयार नहीं थे। भारत ने चीन को स्पष्ट कर दिया है कि पैगोंग त्सो की फिंगर 8 तक उसका दावा है। चीन की सेना की तरफ से भारत को फिंगर 3 तक जाने को कहा गया है और सेना ने इससे न मानते हुए अपनी तैनाती को और बढ़ा दिया है। चीन गलवान घाटी से भी अपनी सेना पीछे हटाने को राजी नहीं है। इसके साथ ही तीन और बिंदु पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी) 14 जो गलवान घाटी में आता है, पीपी 15 और गोगरा पोस्ट के करीब 17A पर भी चर्चा हुई है। गोगरा पोस्ट हॉट स्प्रिंग्स एरिया में आती है। इससे पहले जो कोर कमांडर मीटिंग हुई थी उसमें चीन ने दावा किया था कि उसकी सेना दावे वाली रेखा से 800 मीटर दूर है।