गहने और नकदी चुराने से पहले कोरोना संक्रमित के घर चोरों ने पकाया मटन, रातभर की जमकर पार्टी
जमशेदपुर। कोरोना वायरस महामारी के चलते कई लोगों को अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा है, ऐसे में देशभर में चोरी और छीना झपटी की वारदातें बढ़ गई हैं। ताजा मामला झारखंड के जमशेदपुर से सामने आया है जहां अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित के घर चोरों ने हाथ साफ किया। इतना ही नहीं नकदी और गहने चुराने से पहले चोरों ने पीड़ित के घर पर मटन-चावल पकाया और रातभर पार्टी की। फिलहाल पुलिस चोरों की तलाश में जुट गई है।
कोरोना संक्रमित के घर चोरी
कोरोना संक्रमित के घर चोरी करने के चलते पुलिस को उनके कोरोना संक्रमित होने की भी आशंका है। कोरोना वायस संकट में जहां आम लोग में डर और दहशत का माहौल है वहीं इस समय चोर बेखौफ अपनी चोरी के काम को अंजाम दे रहे हैं। हद तो तब हो गई जब चोर कोरोना संक्रमित के घर में ही चोरी के इरादे से घुसे लेकिन उन्होंने वहां जमकर पार्टी भी की। पुलिस के मुताबिक चोरी जमशेदपुर के परसुडीह थाना इलाके के कोचाकोली के एक बंद घर में हुई।
घर में चोरों ने पकाया मटन और चावल
चोरों ने आधी रात घर का दरवाजा तोड़ 50 हजार नगदी समेत एक अंगूठी और एक जोड़ी पायल पर हाथ साफ किया। दरअसल, मकान मालिक के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद प्रशासन ने उसके घर को सील कर दिया था और मरीज अस्पताल में भर्ती था। इस दौरान चोर के पिछले दरवाजे को तोड़कर घर में दााखिए हुए और घटना को अंजाम दिया। मकान मालिक ने बताया 8 जुलाई को रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें टीएमएच अस्पताल में भर्ती कराया गया।
50,000 नकद और गहने चोरी
उधर पुलिस को जांच में पता चला है कि कोरोना वायरस के एक मरीज के घर से 50,000 नकद और गहने चुराने से पहले चोरों ने घर में मटन, चावल और चपाती बनाए और खाया। मरीज के भाई ने कहा, उसका परिवार पिछले एक महीने से गांव वाले घर में रह रहा है। मकान मालिक ने पुलिस का पहरा नहीं होने के कारण उन्होंने अपने भाई को घर का हाल-चाल जानने को भेजा लेकिन जब वह घर पहुंचा तो वहां की हालत देख के दंग रह गया।
कोरोना की ड्यूटी में संक्रमित हुआ मकान मालिक
मरीज के भाई ने घर का पिछला दरवाजा टूटा हुआ पाया और घर में सारे समान इधर-उधर बिखरे पड़े थे। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार चोरों ने घर का दरवाजा तोड़ने के लिए सब्बल और चाकू का इस्तेमाल किया था। मकान मालिक ने बताया कि कोरोना की ड्यूटी के दौरान वह भी संक्रमित हो गए था, लोगों का कहना है कि जब उनका घर सील किया गया था तो उस समय प्रशासन द्वारा किसी जवान को ड्यूटी पर लगाना जरूरी था।
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