'जेएनयू में 3,000 कंडोम खोज लिया लेकिन नजीब को नहीं तलाश पाए',कन्हैया कुमार का भाजपा सरकार पर हमला
नई दिल्ली- जेएनयू के पूर्व छात्र और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने जेएनयू हिंसा को लेकर बीजेपी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पर तगड़ा हमला किया है। उन्होंने जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के छात्रों की मांग का समर्थन करते हुए 2016 से लेकर अब तक की घटनाओं को लेकर बीजेपी और उसकी विचारधारा पर जोरदार निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि चाहे हमें देशद्रोही कहा जाए या कुछ भी लेकिन, बच्चों को जॉब चाहिए। जेएनयू हिंसा मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाने को लेकर भी उन्होंने दिल्ली पुलिस की आलोचना की है और कहा है जेएनयू में कचरे से 3,000 कंडोम तो खोज लिया जाता है लेकिन साढ़े तीन साल से गायब वहां के छात्र नजीब अहमद को नहीं तलाशा जाता।
'मैं आपकी कुंठा समझ सकता हूं'
गुरुवार को जेएनयू के वाइस चांसलर को हटाने की मांग को लेकर जेएनयू छात्रों के प्रदर्शन में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार भी कूद पड़े। उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जवाहर लाल यूनिवर्सिटी को निशाना बनाने और उसपर आरोप लगाने से देश की समस्याएं नहीं सुलझेंगी। कन्हैया कुमार का तंज मोदी सरकार के साथ-साथ जेएनयू की हालातों की आलोचना करने वाले दक्षिणपंथी विचारधारा के लोगों के खिलाफ भी था। उन्होंने कहा, "हमें जितना चाहें आप गाली दें। हमें देशद्रोही बुलाएं। लेकिन, इससे बच्चों को जॉब नहीं मिलेगी। इससे आपको सुरक्षा नहीं मिलेगी। इससे आपकी मूल जरूरतें पूरी नहीं होंगी। मैं आपकी कुंठा समझ सकता हूं। यहां दाखिला लेना आसान नहीं है।"
'3,000 कंडोम खोज लिया, लेकिन नजीब नहीं'
इस दौरान जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के पूर्व प्रमुख ने पुलिस पर भी निशाना साधा, जिनपर आरोप लग रहे हैं कि रविवार की हिंसा के दौरान वे मूक दर्शक बने रहे। दरअसल, जेएनयू के वामपंथी विचारधार वाले छात्रों का आरोप है कि रविवार की हिंसा के दौरान पुलिस जेएनयू गेट पर मौजूद थी तभी नकाबपोश हमलावरों ने उन्हें निशाना बनाया और पुलिस ने उन हमलावरों को भागने का मौका भी दिया। इस मामले में अबतक एक भी गिरफ्तारी नहीं होने को लेकर भी कन्हैया कुमार ने दिल्ली पुलिस पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने आरोप लगाया कि, "वे (पुलिस) नजीब को तो नहीं ढूंढ़ सके, लेकिन जेएनयू के डस्टबीनों से 3,000 कंडोम खोज निकाला। पता नहीं उन्होंने गिनती कैसे कर ली।"
कन्हैया पर लगे थे आरोप
बता दें कि 2016 के फरवरी में जब जेएनयू में देश विरोधी नारे की वजह से काफी बवाल हुआ था, तब बीजेपी के एक नेता ज्ञानदेव आहूजा ने जेएनयू को लेकर एक बहुत ही विवादास्पद टिप्पणी की थी और कन्हैया कुमार ने उसी का हवाला देकर भाजपा सरकार और पुलिस पर निशाना साधने की कोशिश की है। आहूजा ने तब जेएनयू के बारे में कहा था, 'आपको रोजाना 3,000 बीयर केन और बोतलें मिल जाएंगी, 2,000 देसी शराब की बोतलें, 10,000 सिगरेट के बट, 4,000 बीड़ी, 50,000 हड्डी के टुकड़े, 2,000 चीप्स के रैपर्स, इस्तेमाल किए हुए 3,000 कंडोम और अबॉर्शन के 500 इंजेक्शन मिल जाएंगे।' बता दें कि उसी देश विरोधी नारेबाजी के मामले में कन्हैया के खिलाफ देशद्रोह का भी केस दर्ज है, जिसकी पड़ताल के बाद मुकदमा चलाने की इजाजत दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार से मांगी हुई है, लेकिन केजरीवाल सरकार के पास महीनों से ये मामला लंबित पड़ा है और बीजेपी इसको लेकर उनपर निशाना भी साधती रही है।
पीएम मोदी पर भी साधा निशाना
कन्हैया ने आहूजा जैसे बीजेपी नेताओं और यहां तक की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पर जमकर भड़ास निकालने की कोशिश की। उन्होंने कहा, 'आप सरकारी घर में रह सकते हैं, सरकारी कार में चल सकते हैं, सरकारी विमान में उड़ सकते हैं। लेकिन, आपको जेएनयू जैसा सरकारी संस्थान पसंद नहीं है। आपको जियो इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस चाहिए। यह विश्वासघात है। आपकी सरकार राष्ट्रवादी है और यह आपकी जिम्मेदारी है कि जेएनयू जैसे संस्थान चलते रहने चाहिए। ' गौरतलब है कि जेएनयू का मौजूदा आंदोलन फीस बढ़ोतरी के ही खिलाफ है, जो बाद में हिंसक हो गया था।
लापता हुआ नजीब कौन था?
नजीब अहमद जेएनयू का छात्र था, जो 15 अक्टूबर, 2016 से यहां के माही-मांडवी होस्टल से लापता है। दावे के मुताबिक गायब होने से एक रात पहले नजीब की कथित तौर पर एबीवीपी समर्थक कुछ छात्रों के साथ लड़ाई हुई थी। बाद में उसकी तलाशी का जिम्मा सीबीआई को सौंपी गई, जिसने उसके बारे में जानकारी देने वाले को 10 लाख रुपये का ईनाम देने की घोषणा भी की थी। लेकिन, जब 2 साल तक ढूंढ़ने के बाद भी नजीब का कोई सुराग नहीं मिला तो सीबीआई ने जांच बंद कर दी।
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