अटल की आलोचना करने वाले राष्ट्रविरोधीः भाजपा मंत्री प्रमोद कुमार
राजद, वामपंथी दल और अन्य संगठन प्रोफ़ेसर संजय कुमार के समर्थन में सामने आए हैं. पूर्वे कहते हैं, "महात्मा गांधी की धरती पर नाथूराम गोडसे का विचार नहीं चलेगा. महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे का विचार अगर कोई चलाना चाहता है तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. यह घटना संजय कुमार पर हमला नहीं भारतीय संविधान पर हमला है. लोकतंत्र पर हमला है."
बिहार में शुक्रवार को मॉब लिंचिंग की कोशिश में गंभीर रुप से घायल हुए महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर संजय कुमार बेहतर इलाज के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं.इस बीच बिहार की नीतीश कुमार सरकार में भाजपा से मंत्री प्रमोद कुमार ने दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आलोचना करने के कारण संजय कुमार को राष्ट्रविरोधी करार दिया है.
संजय कुमार के साथ बिहार के मोतिहारी शहर में मार-पीट की गई थी. प्रमोद कुमार इसी मोतिहारी शहर से विधायक हैं.
मैंने उनसे पूछा कि आप अटल बिहारी वाजपेयी की आलोचना को राष्ट्रविरोधी कार्रवाई क्यों बता रहे हैं?
प्रमोद कुमार ने इसके जवाब में कहा, "अटल बिहारी वाजपेयी कोई साधारण व्यक्ति नहीं थे. भारतरत्न थे. महामानव थे. अटल जी के प्रति पूरा राष्ट्र नमन कर रहा है. ऐसे में तथाकथित असहिष्णुता पैदा करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध ये हमारी आवाज़ है."
वो कहते हैं, "उन्होंने (संजय कुमार ने) भारत की गरिमा को शर्मशार किया है. अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ महात्मा गांधी जब चंपारण में सत्याग्रह चला रहे थे तब भी कुछ लोग विदेशी ताकतों से मिलकर सत्याग्रह में खलल पैदा करते थे. उसी तरह जब देश में राष्ट्रवादी विचारधारा का उदय हुआ है तब ऐसे तथाकथित असहिष्णुता फैलाने वाले आए, हम लोग उनके विरोध की निंदा करते हैं, आलोचना करते हैं."
संजय कुमार ने शनिवार को बीबीसी से बातचीत में कहा था कि उनका पोस्ट आपत्तिजनक नहीं था.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि पोस्ट का बहाना बनाकर उन पर इसलिए हमला किया गया क्योंकि वे अन्य शिक्षकों के साथ मिलकर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर अरविंद कुमार अग्रवाल के कथित भ्रष्टाचार और उनकी फ़र्जी डिग्री की बात कर रहे थे.
- बिहार लिंचिंग मामला: सेंट्रल यूनिवर्सिटी अनिश्चितकाल के लिए बंद
- बिहार में असिस्टेंट प्रोफेसर की मॉब लिंचिंग की कोशिश
'प्रोफ़ेसर का साथ देने वाले अलगाववादी'
मंत्री प्रमोद कुमार ने प्रोफ़ेसर संजय कुमार को अलगाववादी ताक़तों से जुड़ा भी बताया है और उनका समर्थन करने वालों को भी अलगाववादी क़रार दिया है.
बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद, वामपंथी दल और अन्य संगठन संजय कुमार के समर्थन में सामने आए हैं.
मंत्री प्रमोद कुमार के इस आरोप पर राजद के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर रामचंद्र पूर्वे का कहना है कि ऐसा आरोप लगाकर मंत्री आरएसएस की नीति और एजेंडा को लागू कर रहे हैं.
पूर्वे कहते हैं, "महात्मा गांधी की धरती पर नाथूराम गोडसे का विचार नहीं चलेगा. महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे का विचार अगर कोई चलाना चाहता है तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. यह घटना संजय कुमार पर हमला नहीं भारतीय संविधान पर हमला है. लोकतंत्र पर हमला है."
https://twitter.com/yadavtejashwi/status/1030679992227778560
वहीं नीतीश कुमार की पार्टी और भाजपा के सहयोगी दल जदयू ने प्रमोद कुमार के बयान को क्रिया के ख़िलाफ़ प्रतिक्रिया बताया है.
विधान पार्षद और जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार कहते हैं, "अटल जी उनकी पार्टी के सर्वमान्य नेता रहे हैं. किसी के परिवार के ख़िलाफ़ कोई वैचारिक हमला करता है तो क्रिया के ख़िलाफ़ प्रतिक्रिया का बयान आता है."
उन्होंने कहा, "वैचारिक असहमति का मतलब यह नहीं है कि आप किसी की मृत्यु पर ऐसा पोस्ट डालिए. यह भारत की परंपरा नहीं है. संजय कुमार के आलोचना वाले पोस्ट ने भारत की परंपरा को तोड़ा है."
"उनके साथ हुई हिंसा भी ग़लत है लेकिन जिस मौक़े पर संजय कुमार ने पोस्ट लिखा उसे सही नहीं माना जा सकता है. यह आपत्तिजनक और ख़ेदजनक है."
प्रोफ़ेसर संजय कुमार ने स्थानीय पुलिस के पास जो प्राथमिकी दर्ज़ कराई है उसमें उनके किए सोशल पोस्ट को हमले की वजह बताया है.
हमले से ठीक पहले उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मौत के बाद दो पोस्ट लिखे थे जिसमें से एक में उन्होंने वाजपेयी को संघी कहा. दूसरी पोस्ट में उन्होंने लिखा कि "भारतीय फासीवाद का एक युग समाप्त हुआ".
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)