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नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ उतरे ये तीन मुख्यमंत्री, कहा- नहीं करेंगे लागू

इन तीन राज्यों ने नागरिकता संशोधन कानून को नकारा, कहा- नहीं करेंगे लागू

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नई दिल्ली। लोकसभा और राज्यसभा में भारी विरोध के बीच नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति ने भी इस बिल को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अब यह बिल कानून बन गया है। वहीं, नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों असम और त्रिपुरा में भारी तनाव देखने को मिल रहा है। तनाव के चलते बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि असम के लोग उनके ऊपर भरोसा रखें। उन्होंने कहा कि असम के लोगों के अधिकार कोई नहीं ले सकता। इस बीच तीन राज्यों ने नागरिकता संशोधन कानून को अपने यहां लागू करने से मना कर दिया है।

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इन तीन राज्यों ने किया इनकार

इन तीन राज्यों ने किया इनकार

जिन तीन राज्यों ने नागरिकता संशोधन कानून को अपने यहां लागू करने से मना किया है, वो राज्य हैं- केरल, पश्चिम बंगाल और पंजाब। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा, 'यह कानून धर्मनिरपेक्षता के भारतीय चरित्र पर हमला है। कांग्रेस की सरकार, पंजाब विधानसभा में बहुमत के साथ इस कानून को लागू होने से रोग देगी। यह कानून बहुत ही विभाजनकारी है। कोई भी कानून जो देश के लोगों को धार्मिक तर्ज पर बांटना चाहता है, वह अवैध और अनैतिक है, इसलिए यह कानून पंजाब में लागू नहीं होगा।' वहीं, अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि इस कानून में मुस्लिमों को भी जगह मिलनी चाहिए।

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संविधान को अस्वीकार करने की कोशिश

संविधान को अस्वीकार करने की कोशिश

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा, 'यह कानून भारत की धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक छवि पर हमला है। ऐसे असंवैधानिक कानून के लिए उनके राज्य में कोई जगह नहीं है। भारत का संविधान सभी भारतीयों के लिए नागरिकता के अधिकार की गारंटी देता है, चाहे उनका धर्म, जाति, भाषा, संस्कृति, लिंग या पेशा कुछ भी हो। नागरिकता (संशोधन) विधेयक के जरिए भारतीयों के इस अधिकार को शून्य किया जा रहा है। धर्म के आधार पर नागरिकता तय करने का यह कदम संविधान को अस्वीकार करने की कोशिश है।'

'इस बिल से डरने की जरूरत नहीं

'इस बिल से डरने की जरूरत नहीं

इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा, 'पश्चिम बंगाल के लोगों को इस बिल से डरने की जरूरत नहीं है। हम आपके साथ हैं और जब तक हम यहां है, कोई भी आपके ऊपर कुछ थोप नहीं सकता।' आपको बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को इस बिल को लोकसभा में पेश किया था, जहां विपक्ष के हंगामे के बीच यह बिल पास हो गया। इसके बाद राज्यसभा में भी सरकार ने आसानी से इस बिल को पास करा लिया। राज्यसभा और लोकसभा में पास होने के बाद गुरुवार को इस बिल को राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी दे दी।

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English summary
These Three States Will Not Apply Citizenship Amendment Law.
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