मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हैं ये तीन दिग्गज नेता, जानिए किसके सिर सजेगा सीएम का ताज
In the BJP government being formed in Madhya Pradesh, three names are being considered for the post of CM, including Shivraj Singh Chauhan, Narottam Mishra, Narendra Singh Tomar. In such a situation, Shivraj Chauhan will become CM or not? जानें कौन बनेगा एमपी का सीएम
बेंगलुरु। मध्यप्रदेश में 15 माह तक चली कांग्रेस की कमलनाथ सरकार विदा हो चुकी हैं। भाजपा का आपरेशन लोटस की सफलता के चलते एमपी में एक बार फिर भाजपा का कमल खिलने वाला हैं। मध्यप्रदेश में सरकार बनाना भाजपा के लिए ये एक संजीवनी से कम नहीं है। 2018 के बाद पार्टी ने एक के बाद एक कई राज्यों से सत्ता गंवाई थी। लोकसभा चुनावों के बाद झारखंड और महाराष्ट्र से भी बीजेपी ने सत्ता गंवा दी थी। ऐसे में मध्य प्रदेश में सरकार की वापसी बीजेपी को कुछ राहत जरुर देगी। ऐसे में सवाल उठ रहा हैं कि क्या मध्यप्रदेश में एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बन कर शिव का राज चलेगा या इस बार भाजपा किसी और नेता को मौका देगी?
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सीएम के चुनाव में भाजपा कर रही गहन मंथन
बता दें प्रदेश में कमलनाथ सरकार की विदाई के बाद सीएम के नाम पर भाजपा ने मंथन शुरु कर दी थी। सीएम की रेस में मध्यप्रदेश के तीन दिग्गज नेताओं के नाम शामिल थे। जिनमें पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, नरोत्तम मिश्रा,शामिल हैं। सीएम पद के लिए पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान का नाम सबसे आगे है और शीर्ष नेतृत्व चौहान के नाम पर मुहर लगा सकता है लेकिन पार्टी में दूसरे विकल्पों पर भी विचार हो रहा है। बताते हैं अभी राज्य में विधायकों का मन टटोलने की प्रक्रिया चल रही है क्योंकि भाजपा नेता मानकर चल रहे हैं कि यहां सरकार बनाने का रास्ता तो आसान है, लेकिन सरकार के कार्यकाल को पूरा कर पाने का रास्ता कठिन है। इसलिए केंद्रीय नेतृत्व भी फूंक-फूंक कर कदम रखेगा। शनिवार यानी आज ही भाजपा इस नाम का ऐलान कर सकती है।
क्या भाजपा मामा के अलावा किसी और को मौका देगी
बता दें 2018 के बाद पार्टी ने एक के बाद एक कई राज्यों से सत्ता गंवाई थी। राज्य में शिवराज को "मामा" कहा जाता है। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनावों शिवराज का सत्ता गंवाने के पीछे पार्टी के भीतर कुछ असामनता की स्थित और अपर कास्ट जाति के विद्रोह कारण माना जा रहा था। लेकिन मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सभी को स्वीकार नेता नहीं हैं। राज्य के भाजपा नेताओं की मांग है कि इस बार किसी और को भी मौका मिलना चाहिए।
भाजपा के लिए संजीवनी है शिवराज
शिवराज चौहान ही चौथी बार सीएम के रुप में सत्ता संभालेंगे क्योंकि....शिवराज सिंह चौहान वर्तमान में भाजपा के लिए एक संजीवनी से कम नहीं हैं क्योंकि 2018 के बाद भाजपा ने एक के बाद एक कई राज्य गंवा दिए थे जिसके बाद मध्यप्रदेश में भाजपा की जो वापसी हो रही है उसमें शिवराज का बहुत बड़ा रोल रहा इसलिए सीएम का ताज उन्हीं को पहनाया जाएगा।
किंग मेकर सिंधिया इन्हें बनवाना चाहते हैं सीएम
सूत्रों के मुताबिक मध्यप्रदेश में भाजपा के लिए सरकार बनाने में किंग मेकर की भूमिका निभाने वाले भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया की सीएम पद के लिए पहली पसंद शिवराज सिंह चौहान हैं। दरअसल वह नहीं चाहते कि ग्वालियर संभाग का कोई नेता सीएम बने। तोमर और मिश्रा इसी संभाग से हैं। भिंड, मुरैना में नरोत्तम मिश्रा अपनी पकड़ रखते हैं। नरोत्तम नहीं चाहते ग्वालियर चंबल संभाग से उनका प्रभाव किसी तरह से कम हो पाए। नरोत्तम ज्योतिरादित्य को बहुत पसंद नहीं कर रहे हैं। भाजपा को अभी सबके बीच में एक समीकरण बनाना है। चूंकि भाजपा को राज्य में बड़ा बहुमत हासिल नहीं है, इसलिए सिंधिया की राय के उलट फैसला लेना मुश्किल है। हालांकि अगर शिवराज की जगह तोमर या नरोत्तम आलाकमान की पसंद बने तो नेतृत्व इस संबंध में पहले सिंधिया को राजी करेगा।
मामा की इसलिए भी है डिमांड
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि है एक मिलनसार नेता की है। शिवराज ने अपने विरोधी और निवर्तमान मुख्यमंत्री कमलनाथ के घर जाकर उनसे मुलाकात की। दिलचस्प बात यह है कि शिवराज के नेतृत्व में ही बीजेपी ने न केवल प्रदेश कांग्रेस पार्टी में बड़ा सेंध लगाकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को तोड़ लिया, बल्कि कमलनाथ की सरकार भी गिरा दी।
सीएम बनाने में उपचुनाव का भी रखा जाएगा ध्यान
चौहान को भाजपा में कई लोगों ने कांग्रेस के बागियों द्वारा खाली की गई 22 सीटों पर उपचुनाव के साथ पार्टी का नेतृत्व करने के लिए सबसे अच्छी पसंद के रूप में देखा है। इन सीटों को जीतना कमलनाथ और सिंधिया के राजनीतिक कौशल की परीक्षा होगी और अनुभवी प्रचारक को भी इस काम में लगाया जाएगा।
पीएम और गृह मंत्री से नजदीकी क्या खिलाएगी गुल
सूत्रों के अनुसार सीएम पद के लिए केंद्रीय मंत्री तोमर और नरोत्तम मिश्रा भी इसके मजबूत दावेदार हैं। तोमर पीएम के करीबी हैं तो नरोत्तम गृह मंत्री अमित शाह के। तोमर या मिश्रा को अगर सीएम बनाने का फैसला होता है तो शिवराज केंद्रीय राजनीति में आएंगे। ऐसी स्थिति में उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी और उन्हें कृषि मंत्रालय दिया जा सकता है।
नरेंद्र और नरोत्तम की हैं ये खासियत
केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर अच्छे नेता हैं। जमीनी पकड़ रखते हैं। सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी क्षमता को पसंद करते हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी तोमर के नाम को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। मिश्रा ब्राह्मण चेहरा हैं और राज्य में ब्राह्मण चेहरा लंबे समय से सत्ता में नहीं है। भाजपा का अच्छा जनाधार है, लेकिन नरोत्तम अभी इस दौड़ में पीछे हैं। उनके सहयोगी भी इस बारे में बहुत उत्साह से कुछ नहीं कह पाते।
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