CBSE के नतीजों में गंभीर बीमारी के बाद भी इन बच्चों ने मारी बाजी, पढ़ें कैसी थी चुनौतियां
नई दिल्ली। मई के महीने में हर साल की तरह इस बार भी अलग-अलग एग्जामिनेशन बोर्ड के रिजल्ट निकाले जाने का सिलसिला जारी है। सीबीएसी के बोर्ड के 10वीं के नतीजे भी आ चुके हैं। ऐसे में जहां कई बच्चों ने अच्छे अंकों से पास होकर परिवार और स्कूल का नाम रौशन किया है वहीं आम बच्चों से अलग कुछ दिव्यांग बच्चों ने भी चौंकाने वाले रिजल्ट दिए हैं। इन बच्चों ने अपनी शारीरिक कमजोरी के आगे घुटने टेकने की जगह खुद की बुद्धिमता और प्रतिभा को साबित किया है। इन बच्चों के लिए ऑनलाइन वीडियो काफी मददगार साबित हुए। इन बच्चों ने कई चुनौतियों के बावजूद खुद को साबित किया।
एसपर्जर सिंड्रोम जैसी बीमारी से पीड़ित कृष्णा राव ने 75 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। कृष्णा को लिखने में बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता। कृष्णा ने कहा कि उनके प्राइवेट ट्यूटर ने उनकी बहुत अधिक मदद की। इसके अलावा परीक्षा के दौरान भी रोजाना अखबार पढ़ना मेरे लिए काफी फायदेमंद रहा। कृष्णा ने बताया कि शिक्षकों ने खास ख्याल रखा कि उसे दूसरे छात्रों द्वारा परेशान न किया जाए न ही अलग तरह से ट्रीट किया जाए। कृष्णा ने संस्कृत में 81 जबकि सोशल साइंस में 93 अंक हासिल किए।
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इसके अलावा डिस्लैक्सिया से लगभग बाहर आ चुके कुशल कटारिया ने 10वीं बोर्ड की परीक्षा में 68 प्रतिशत अंक हासिल किए। वे डीपीएस साउथ में पढ़ते हैं। वे अपने स्कूल और प्राइवेट टीचर को इसका श्रेय देते हैं।वहीं इसी साल बोनमैरो ट्रांसप्लांट करा चुके मोहम्मद जमशेद साल की अधिकतर कक्षाओं में नहीं बैठ सके। इसके बावजूद उन्होंने 80 प्रतिशत अंक से दसवीं की परीक्षा पास कर परिवार और शिक्षकों को गौरवांवित किया।
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