1 दिसंबर से हो रहे ये बड़े बदलाव, जो डालेंगे आपकी जेब पर सीधा असर
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बेंगलुरु। एक दिसंबर यानी रविवार से कई बड़े बदलाव हो रहे हैं। इन बदलावों का आपकी जिंदगी पर सीधा असर पड़ेगा। इन नए नियमों से जहां आपको मामूली सी राहत मिलेगी वहीं अधिकांश बदलाव आपकी जेंब पर भार बढ़ाने वाले हैं। इसके अलावा अगर आपने कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा तो आपको आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। इनमें मोबाइल कॉल दरें, बीमा पॉलिसी, एटीएम से नगद निकालने समेत अन्य कुछ बदलाव किए गए हैं। आइए विस्तार से जानते हैं क्या हैं वो बदलाव....
मोबाइल पर कॉल करना पड़ेगा मंहगा
टेलीकॉम सेक्टर की दिक्कतों का खामियाजा अब ग्राहकों को भुगतना होगा। 1 दिसंबर 2019 से आपका कॉल करने के साथ-साथ इंटरनेट का इस्तेमाल करना भी महंगा हो जाएगा। देश की बड़ी टेलीकाफम कंपनियां जियो, एयरटेल, जियो, वोडाफोन-आइडिया की कॉल दरें एक दिंसबर से मंहगी हो जाएंगी। हालांकि दरों में कितनी वृद्धि होगी, इस बारे में कंपनियों ने कोई खुलासा नही किया। कंपनियों का कहना है कि नुकसान और उद्योग को व्यवहारिक बनाए रखने के लिए दरें बढ़ाना जरूरी हो गया है। इतना ही नहीं मोबाइल टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया है।
कंपनी का कहना है कि टेलीकॉम सेक्टर में आई दिक्कतों के चलते टैरिफ बढ़ाना मजबूरी हो गया है। वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) ने कहा कि कंपनी अपने टैरिफ प्लान 1 दिसंबर से महंगे करने जा रही है। वोडाफोन आइडिया और एयरटेल के टैरिफ प्लान 35 फीसदी तक महंगे हो सकते हैं। कंपनी को हो रहे लगातार नुकसान की वजह से ऐसा किया जा रहा है। बता दें वोडाफोन-आइडिया को 50,922 करोड़ का सबसे ज्यादा तिमाही नुकसान उठाना पड़ा है। इसके अलावा कोर्ट के आदेश पर कंपनी को 33,010 करोड़ रुपये सरकार चुकाने होंगे।
बीमा पॉलिसी मंहगी हो जाएगी
बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) के नए दिशा-निर्देशों के कारण आपकी जीवन बीमा पॉलिसी का प्रीमियम 15 फीसदी तक महंगा हो सकती है। लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) 1 दिसंबर से कंपनी अपने प्लानंस और प्रपोसल फॉर्म में बड़े बदलाव कर रही है। हालांकि, नए नियमों का असर एक दिसंबर 2019 से पहले बेची गई पॉलिसी पर नहीं पड़ेगा। खुशखबरी ये है कि बीमा पॉलिसी के बीच में बंद होने पांच साल के अंदर उसे आप रिल्यू भी करवा सकेंगे जो अवधि पहले मात्र दो वर्ष की थी।
आईडीबीआई बैंक ने बदला नगद निकालने का नियम
LIC की हिस्सेदारी वाली निजी सेक्टर की बैंक IDBI बैंक ने एटीएम से कैश ट्रांजैक्शन के नियम में बदलाव किया है। आईडीबीआई बैंक ने ATM से कैश निकालने के नियम में बदलाव करते हुए कहा है कि नया नियम 1 दिसंबर से लागू होगा। इस बदलाव के अनुसार अगर आईडीबीर्आी बैंक का कोई ग्राहक दूसरे बैंक के एटीएम से लेनदेन करता है और कम बैलेंस के कारण लेनदेन फेल हो जाता है तो उसे 20 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन देना होगा। IDBI बैंक ने इस संबंध में अपने ग्राहकों को SMS के जरिए जानकारी दी है। इसलिए अगर आप आईडीबीआई बैंक के ग्राहक हैं तो कैसे निकालने से पहले मोबाइल पर अपना बैलेंस अवश्य चेक कर लें।
एनईएफटी 24 घंटे कर सकेंगे
जो लोग डिजिटल भुगतान करते हैं उनके लिए ये खुशखबरी है। ऑनलाइन ट्रंजेक्शन करने वाले पर एक दिसंबर से बैंक ग्राहक नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) सुविधा का लाभ सातों दिन और 24 घंटे उठा सकेंगे। अभी सभी कार्य दिवस पर सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक ही एनईएफटी हो सकती है। इतना ही नहीं जनवरी से इस पर कोई शुल्क भी नहीं लगेगा। माना जा रहा है कि इससे देश में रिटेल पेमेंट सिस्टम में परिवर्तन आएगा।
गैस सिलिंडर के दाम में मिल सकती है राहत
रसोई गैस सिलिंडर दाम के बढ़ते दामों से आमजन त्रस्त है लेकिन जल्द ही सरकार इसमें राहत दे सकती हैं। माना जा रहा है कि एक दिसंबर से रसोई गैस सिलिंडर की कीमत में बदलाव होगा । बता दें पिछले तीन महीने से रसोई गैस सिलिंडर के दाम में लगातार इजाफा किया गया है। बताया जा रहा है कि इस बार नए साल के पहले उपभोक्ताओं को राहत देते हुए दिसंबर में रसोई गैस के दाम घट सकते हैं।
ट्रेन में चाय, नाश्ता और खाना हो रहा महंगा
अगर आप रेल में सफर करने जा रहे हैं तो आपको ट्रेन में चाय नाश्ता के दाम सुनकर झटका लग सकता हैं। अब ट्रेन यात्रियों को ट्रेन में चाय और भोजन के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे। रेलवे बोर्ड में पर्यटन एवं खान-पान विभाग के निदेशक की तरफ से इस संदर्भ में जारी सर्कुलर के अनुसार राजधानी, शताब्दी और दुरंतो ट्रेनों में चाय, नाश्ता और खाना महंगा होने जा रहा है। बता दें कि इन ट्रेनों की टिकट लेते वक्त ही चाय, नाश्ते और खाने का पैसा देना होता है। साथ ही दूसरी ट्रेनों के यात्रियों को भी महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी। नया मेन्यू और शुल्क दिसंबर में अपडेट हो जाएगा।
आरबीआई घटा सकता है रेपो रेट
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एक बार फिर रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है। तीन से पांच दिसंबर चलने वाली मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee/एमपीसी) बैठक में रेपो रेट को घटाकर 4.90 फीसदी पर की जा सकती है। सर्वे में शामिल अधिकतर अर्थशास्त्रियों का कहना है कि घरेलू कर्ज की धीमी रफ्तार और कंपनियों के घटते मुनाफे की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को रफ्तार पकड़ने में समय लगेगा।
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