ये 20 सीटें तय करेंगी छत्तीसगढ़ में बनने वाली है किसकी सरकार?
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों के लिए सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। जहां भाजपा 15 सालों में किए गए विकास कार्यों को भुनाने में लगी हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस सरकार की नाकामयाबियां जनता के सामने रख रही है। प्रदेश में पांच संभागों में 90 विधानसभाएं हैं, जिनमें से बस्तर, सरगुजा, दुर्ग, बिलासपुर और रायपुर संभाग हैं। इनमें से रायपुर संभाग में आने वाली 20 सीटें दोनों प्रमुख दलों के लिए चुनौती हैं, क्योंकि हर बार इन सीटों पर बड़ा उलटफेर सामने आता है।
इन 20 सीटों पर हर बार चुनाव परिणाम चौंकाने वाले रहते हैं। एक बार भाजपा का पलड़ा भारी रहता है तो एक बार कांग्रेस बाजी मार ले जाती है। 2013 के चुनाव की यदि बात करें तो यहां से भाजपा को 15 सीटें, कांग्रेस को चार सीटें, एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के हिस्से में गई थी। वहीं, 2008 में कांग्रेस के खाते में 13 व भाजपा के पास सिर्फ 7 सीटें ही थी।
2000 में मध्यप्रदेश से अलग होकर पृथक राज्य बनने तक हुए तीन बार के चुनावों में यहां सिर्फ भाजपा-कांग्रेस के आलावा तीसरी पार्टी अभी तक उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाई है, लेकिन इस बार के चुनाव में इन सीटों पर अन्य पार्टियों के भी जीतने की उम्मीद को नकारा नहीं जा सकता। क्योंकि जोगी कांग्रेस के आलावा, आम आदमी पार्टी और बसपा ने भी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। ऐसे में भाजपा-कांग्रेस से नाराज लोगों के पास अन्य विकल्प चुनने का रास्ता भी होगा।
अब
तक
हुए
तीन
बार
के
चुनावों
की
स्थिति
यदि
पिछले
तीन
चुनावों
पर
नजर
डालें
तो
2003
में
भाजपा
के
पास
12,
कांग्रेस
के
पास
8
सीटें
थी।
2008
में
भाजपा
को
सिर्फ
7
सीटें
मिली
तो
कांग्रेस
की
सीटें
8
से
बढ़कर
13
हो
गई।
वहीं,
2013
के
चुनाव
में
फिर
फेरबदल
हुआ
इस
बार
भाजपा
की
सीटें
7
से
बढ़कर
15
हो
गई,
कांग्रेस
को
13
में
से
सिर्फ
4
सीटें
मिली।
एक
सीट
महासमुंद
से
निर्दलीय
प्रत्याशी
विमल
चोपड़ा
को
मिली।
वोट
प्रतिशत
बढ़ने
से
भाजपा
को
हुआ
फायदा
इन
20
सीटों
पर
पिछले
15
सालों
में
बढ़े
वोट
प्रतिशत
का
सीधा
फायदा
भाजपा
के
पक्ष
में
गया।
चूंकि
2003
से
2008
के
बीच
मतदाताओं
के
प्रतिशत
में
कोई
बहुत
ज्यादा
बढ़ोतरी
नहीं
हुई।
सिर्फ
सात
फीसदी
ही
2008
में
2003
की
तुलना
में
अधिक
मतदान
हुआ।
2013
में
हुए
चुनाव
में
19
फीसदी
अधिक
मतदान
हुआ
जिसका
फायदा
भाजपा
को
हुआ।
भाजपा
के
पक्ष
में
46
प्रतिशत
वोट
पड़े,
जबकि
कांग्रेस
का
वोट
प्रतिशत
2008
के
मुकाबले
43
से
40
फीसदी
हो
गया।
भाजपा
के
तीन
नेता
लगातार
जीत
रहे
हैं
इन
20
सीटों
में
से
तीन
सीटें
ऐसी
हैं
जिन
पर
भाजपा
के
मंत्री
बृजमोहन
अग्रवाल,
मंत्री
राजेश
मूणत
एवं
देवजी
भाई
पटेल
लगातार
तीन
बार
से
जीतते
आ
रहे
हैं।
बिंद्रानवगढ़
सीट
पर
भी
भाजपा
दो
बार
से
लगातार
जीत
रही
है।
कांग्रेस
के
पास
सिर्फ
धमतरी
ही
एक
ऐसी
सीट
है
जिस
पर
उनके
नेता
गुरूमुख
सिंह
होरा
लगातार
दो
बार
से
जीत
रहे
हैं।
आंकड़ों
के
हिसाब
से
इस
बार
कांग्रेस
को
मिलेंगी
ज्यादा
सीटें
इन
20
सीटों
पर
जिस
तरह
से
हर
बार
फेरबदल
होता
है,
उसके
समीकरणों
के
मुताबिक
इस
बार
कांग्रेस
को
ज्यादा
सीटें
हासिल
हो
सकती
हैं।
हाल
ही
में
एक
न्यूज
पेपर
के
सर्वे
में
भी
सामने
आया
था
कि
रायपुर
संभाग
की
20
सीटों
पर
भाजपा
की
स्थिति
अच्छी
नहीं
है।